जब भी आँख बंद करता हूँ। वह जंगल, वह कच्ची पक्की सड़क के साथ गेहूँ के खेत, आम के पेड़, पीपल की छांव, याद आती है। मंदिर के आस पास वह दो तीन कमरों वाले माकान सामने से गुजरती रेलगाड़ी की पो...सुनाई देती है। झूले, मौत का कुआँ, सर्कस के टेंट चाट की रेडी याद आती है। दूर तक खाली ऊसर नज़र आता हैं। मंदिर का पूर्वी दरवजा उसमे लटकते घण्टों के साथ इनाम की घोषणा करते लोगो की आवाज लाउडस्पीकर से आती है। ऊसर से उड़ती धूल के साथ आस पास के गाँवों से नन्हें नन्हे कदम खेत की मेड़ों से गिरते पड़ते चले आते है। वही ऊसर के कई कोने में भोले के भक्त नारियल के गोले के साथ झुंड में लाल केसरिया हरे बॉस के बम्बू के साथ पैकर्मा करते नज़र आते है। ढोल भांगड़ा बैंड बाजो के साथ बच्चियों बच्चों के मुंडन होते हुए उनके आँसू नज़र आते है। उस छोटे से मंदिर में दूर दराज से आस्था में लोग खिंचे चले आते है। कही कही बुजर्गो के साथ नए दूल्हा दुल्हन के साथ नए रिश्ते भी नज़र आते है।सुना यह भी था। कि भोले बाबा के मंदिर में लड़की लड़के नए रिस्तो को लिए भी देखे जाते हैं। ऐसे है सरसौल वाले भोले बाबा।