सुर संगीत
मार काट कर धुन बनाया मानव ने।
जिसकी धुन में नाचे अबला नारी।
कर सृंगार पहन साड़ी धुन पर नर नाचे।
मार मृग की खाल उतार मृदंग बनाया।
काट बॉस कर छेद अनेक बासुरी बनाया।
घर छोड़ राधा बृज कानन में रास रचाई।
कर छेद खाल में हारमोनियम बनाई।
बजे जब नागिन लहरा तब हिले कमरिया।
सुखा लौकी को मिला बसुुरी बीन बनाया।
लै सास फुला गाल तै नाग नागिन को नचाया।
कर छेड़ प्रकृति और जानवर से सुर को बनाया।
बजा संख नगाड़ा पहाड़ में शंकर को जगाया।
बना देव मेनिका को भस्मासुर के साथ नचाया।
बना खीपचाल बजा उँगली से मुसाफिर को रिझाया।
कर मान मनोरंजन बना बालीवुड़ खूब नोट कमाया।
क्या नाम दिया? सुर संगीत का मन मोह लिया हर एक का।