मम्मी सुबह हों गई।
उठो मम्मी अब आंखे खोलो, किचन मे जाकर बर्तन धोलो ।
बीती रात एफबी, वट्सेप, ट्यूटर से चाइटिंग करने मे।
उठो मम्मी सुबह का नाशता बनाओ, हमे नहलाओं।
साफ़सुथरा ड्रेस पहनाओ लांच लगा कर बस्ता सजाओ।
पापा भी बेड मे सो रहे हैं, तुम भी अभी अलसाई हों ।
उठो मम्मी अब आंखे खोलो, किचन मे जाकर बर्तन धोलो ।
पापा को जगाकर हमे सड़क मे भेजो, मेरी बस भी आने वाली है।
क्यो आधी रात तक जगती हों? सहेली से मैसेन्जर मे बाते करती हों।
स्कूल जाकर हम करे पढ़ाई, देश दुनियाँ मे नाम होगा, तभी कुछ काम होगा।
पबजी गेम हमे भी खेलना आता हैं, दो मोबाईल हमे गेम अब लोड करे।
उठो मम्मी अब आंखे खोलो, किचन मे जाकर बर्तन धोलो ।
कॉल मिसकोल मे समय बर्बाद कर, हमे बदनाम क्यो करती हों?
खुद बनाती हों टिकटोक, देख यूटीयूब मजे से तुम हसती हों।
जो हों घर मे मोबाईल ओपो का ,तो पबजी, रेल खेल बुरा नहीं।
लेट हुए पापा ऑफिस को हम भी स्कूल देर से जाएंगे ।
पहले की मम्मियाँ अब के बच्चे खुद मम्मी को जागते हैं।
उठो मम्मी अब आंखे खोलो, किचन मे जाकर बर्तन धोलो ।