नसबंदी अभी भी जरी हैं
ठिठुरन से उलझे मुलायम नाज़ुक बाल जिनको सेकने के लिए पूस की सुबह में निकलने वाली नखराली सूरज की धूप अभी बस्ती के सामने खड़े लंबे पतले ऊंचे यूकेलिप्टिस के पेड़ों के पत्तो से झाँक कर गली व सड़क के बहुत कम हिस्से को गर्म करती उसी जगह उनकी बैठक होती सभी एक दूसरे के साथ खेलतें क़िलाहते। अड़ोसी पड़ोसी के बच्चे,बच्चियाँ उनके साथ आन्नद लेते। एक सड़क से आती लॉरी वही आकर रुकी उसके रुकते ही उसके अगले वाले हिस्से से तीन किशोरा उम्र वाले लड़के उतरे वह अपने पैंट की मोहरी को टाईट कर जूतों की फिटिंग किया। इसके बाद वह उसी लॉरी से अपनी-अपनी स्टीक निकाला जिनकी बनावट को आज से पहले कभी नही देखा था स्टीक सिलवर कलर की लम्बी उसके निचले हिस्से में गोल फाँसी का फंदा ऊपर वाले हिस्से में गोल कड़ा नुमा छल्ला यह तीनों आपस में एक ही सूत्रधार की तरह जुड़े हुए छल्ला जैसे ही इशारा करता फंदा छोटा बड़ा हो जाता।
अब वह किशोर लड़के गाड़ी से दूर एक ही दिशा में तीनों निकले लॉरी वही खड़ी थी उसका पिछला हिस्सा भी अन्य लॉरी से अलग था वह उस लॉरी की तरह थी जिसमे के बार क़ैदी जेल से कोर्ट में अपनी तारीख़ के लिए शेर नुमा पिंजड़े में झांकते हुए आते है।यह लोरी उससे भी अलग थी। ड्राइवर की पीछे वाली शीट के बाद वाले हिस्से में दो चौकोर बक्से उसमे खिड़की जो एक रॉड से घूमाने से खुलती उसी से सटी हुई जाली। किशोरों ने गली में बैठे गबरू के ऊपर अपनी नज़र रखी थी. गबरू उनके फंदे में फास गया जब तक वह उनको समझता वह फंदे के कसाव से चिल्ला पड़ा उसके कई साथी उस जगह आए लेकिन गबरू को फंदा में कसता देख सब अपनी जान बचा कर भागें इसी मौके का फ़ायदा उठाते हुए गबरू की तरह झबरू को भी फंदे में फसा लिया अब क्या गबरू झबरू का शोर पूरी गली में छा गया।
वह किशोर लड़के उन दोनों को उस लॉरी के पास लाकर बड़े जतन के साथ उन बक्से में कैद कर लिया स्टिक को अलग करते हुए। अब क्या बस्ती के बच्चों के लिए वह लॉरी जादूगर वाली गाड़ी बन गई। लॉरी आगे-आगे बच्चों का झुण्ड पीछे-पीछे गबरू झबरू के बाकी दोस्त गली सड़क से गोली हो गए लेकिन वह किशोर लड़के यतन जतन कर किसी न किसी दोस्त को फसा लाते इस बार वह किशोर लड़का हाफ़ रहां था यह कहते हुए कबीरु में वजन ज़्यादा हैं। इस बार उसके दूसरे दोस्त ने उसे पीछे से पकड़ कर लॉरी के अंदर झेल दिया वह चिल्ला रहा था।वह कुछ पल के लिए शांत हुआ अंदर अपने दोस्तों को देख कर उन्हें गौर से देखने लगा। वह लॉरी उस सड़क से आगे की तरफ चल पड़ी वह तीनो जाली में अपने पैरों को फसा कर लॉरी के पीछे भागते बच्चो को देख रहे थे।
उन तीनों को यही लग रहा था कि यह सब हमे छूटा लेंगे वह बस्ती के दूसरे कोने में रुकी वह किशोर लड़को ने गूँगी के जैकी को पकड़ लिया गूँगी ने अपने घर से निकल कर पीछे भागी अपनी जैकी को छुड़ाने के लिए। गूँगी की कीक जैकी से भी तेज थी। वह लॉरी चलाने वाले के कालर से लिपट गई। गली के लोग भी आ गए भाई आप इन्हें क्यो पकड़ रहे हो ?उन्होंने तब बताया कि इन्हें हम अस्पताल ले जाने के लिए आए है। इनको इंजेक्सन लगने के बाद इन्हें वापस यही छोड़ जाएंगे यह सरकार की मुहिम
है। जिनको यह बात समझ आई तो वह गूँगी को इशारो में समझाने लगे काफी कुछ समझाने में काफी वह सोचने लगे थे कि हमे इनकी कैद से बचा लिया जाएगा कबीरु गूँगी को देख कर रोने लगा गूँगी ने उसे कुछ समझाया कि वह चार पांच दिन में वापस आ जाएंगे। लॉरी चली गई। पूरी बस्ती में शोर हो गया कि वह अब इलाज़ करा कर वापस लौट आएँगे। बस्ती में जो समझदार व्यक्ति थे उन लोगों ने गूँगी को समझाया कि उनको बधिया किया जाएंगे ताकि वह और ज्यादा बच्चे न पैदा कर सके। गूँगी के दिमाग़ में अब सब कुछ समझ आ गया था।
करीब पांच दिन बाद वह आ गए अब तो बाकी को भी लोगो ने ख़ुद पकड़वाया और यह सिलसिला थमने का नाम नहीं लिया। अब गबरू झबरू अपने सारे दोस्तो को सतर्क कर दिया था। कुछ दिन बाद गबरू जबरु मोटे होने लगे वह जो भी खाते उनके शरीर मे दिखता।