बरसाती
पानी से बचने के लिए वरदान थी बरसाती|
घर की छतो, छप्परो में चिपकाना शान थी बरसाती|
गल्ला मंडी, सब्जी मंडी में बनी रावटी में बरसाती|
आटा चावल दाल मसाले कुरकुरे बंद हैं बरसाती में|
नाम बदल बरसाती का पोलिबैग पोलिथीन कहने लगे|
बना कर बरसाती की बोतल को रेल नीर कहने लगे|
बन गई वरदान समाज के लिए खाली हाथ बजार जाते|
बन गई अभिशाप बरसाती बहते नदी सागर के लिए|
हर हाथ लटकती बरसाती केले सेब अंगूरों से भरी हुई|
घर का कचड़ा भर बरसाती में कूड़ाघर में फेक चले|
उड हवा में बरसाती जाम नाली नाले को करने लगी|
अमूल मधुसूदन पराग दूध की कवर बन गई बरसाती|
अब बरसात होती नहीं तो अभिशाप बन गई बरसाती|
छोड़ काँच चीनी मिट्टी,मिट्टी के कुल्हड़ मटका सुराही,
प्लास्टिक की बोतल प्लेट गिलास पतरी अपनाया होटल |
जब बनी बीमारी समाज के लिए बरसाती अब हर कोई,
चिल्लाया हैं यह वरदान नहीं अभिशाप हैं बरसाती|