मौत से बचने की दुआ।
बाग-बगीचे, नदी-नहर, खान-पान, लोक-लज्जा, कीड़ेमकोड़े, गौरेया, गिद्ध, गाय, नीलगाय को तड़पाने के बाद।
खुद तड़पने लगा, इंसान इंसान से डरने लगा।
छुआछूत के बेल पनपने को रोक रहा था हर कोई।
दूरियाँ मिटाने की राह में चले थे सभी, कोरोना ने और दूरियाँ बढ़ा दिया।
मानव निर्मित हर चीज बहुत लाभदायक होने के साथ खतरनाक भी है जैसे कोरोना वायरस।
हे मानव अपने दिमाग से किसी को हराने की कोशिश न करे।
वरना यह इंसानियत भी मौत से बचने की दुआ मांगेगी।