चुनावी बयार
बयार पश्चिम से पूरब की ओर चल पड़ी है।
अब खेल होई या खदेड़ा, ईवीएम बटन से।
बेटी हूँ लड़सक्ति हूँ, up आधी आबादी से।
बहू, बेटी, बाबा, चाचा, भतीजे बने है नेता।
परिवार दांव लगाए, टिकट मिले बेटा को।
विकास, रोजगार, वोट मिले हिंदुत्वा को।
फरवरी फुर्र है, मार्च में ईवीएम बोलेगी।
कमल खिले, साइकिल भागे, पकड़े हाथे से।
नल, निर्दलीय, हाथी भी चिग्गाड़ भरे।
पुलिस, पीएसी, होमगार्ड, शिक्षक बने है रक्षक।
बीएलओ भी मिल समाज मे, ईवीएम बटन दबाएंगे।