कैसे जिए?
पेड़ काट पिलर बनाए, अब धूल कौन उड़ाए?
बाग काट महल बनाए, अब हवा कहाँ से लाए?
गिरती बर्फ पहाड़ो में, बहता था पानी झरनों में।
कर दूषित नदी सागर को, अमृत कहाँ से आये?
था आजाद आसमान, न-जाने कितने जहाज उड़ाए।
हटा सड़क से तांगा इक्का, ट्रक बस मोटर कार चलाए।
तजि दूध दही घी मट्ठा, मैख़ाने बियर बार बनवाए।
ले न सके ताजी हवा, घर मे कूलर ऐसी फैन चलाए।
नए-नए प्रोजेक्ट बनाकर, पृकृति को छिन्नभिन्न कर दीना।
टीबी कैंसर शुगर चिकनगुनिया डेंगू, अब कोरोना से कौन बचाए?
करुणा कर दुनियाँ रोए, अब बीमारी से कौन बचाए?
कहती है सरकारे न निकलो बाहर, घर की खिड़की और दरवाजे बंद करो।
करते है, कैद शेर सुआ बुलबुल को, अब खुद को कैद करो।
पहले की गुलामी को जीत लिया, इस कैद से अब कैसे छुटकारा पाओगें?