काटे नहीं कटते ये दिन ये रात
कह दी है जो घर मे रहने की बात
लो आज मैं कहता हूँ
कोरोना नही यह तो महामारी है।
कोई नहीं है बस कोरोना कोरोना
कहनी थी तुमसे जो दिल की बात
जब तक रहे कोरोना घर मे ही रहना है,
कोरोना एक महामारी बन गई है।
कैसी हवा है, जहरीली जहरीली
आज सारे जहाँ, में कोरोना कोरोना
सारा नज़ारा, नया नया
दिल ने पुकारा, लॉक डाउन में लाश ही लाश
कोरोना ने जो ली अंगड़ाई है
फिर बात वही याद आई है
भुखमरी चेचक मलेरिया स्वाइनफ्लू ये सब कोरोना से हारे है।
बहका बहका, अब हो गया सारा जहाँ।
संक्रमण है वायरस है या जीव का काल है।
हल्का हल्का, सा पसरा था आज उसका तांडव है।
जब आ ही गई हर देश मे महामारी की तवाही
अब हर दिल बोला है आई हेट कोरोना जाव न कोरोना
यह आज सब कहने लगे, विकशित देश भी झुकने लगे।
घर के अंदर रहते हुए दम घुटने लगे, गली चौक चौबारों में पुलिस की हिमायती व डंडा दोनों चलने लगे।
नर्स डॉक्टर वह भी संक्रमण से बच नही पा रहे , इसी वजह से सरकार सेनेटाइज हर गली मोहल्ले में करने लगी।
इस बे बसी में मजदूरी मरी, मजदूर भी पलायन करने लगा।
भिखारी भीख से शिकारी शिकार से डरने लगा, अब हर एक कि ज़ुबान कोरोना कोरोना कहने लगा।