यथास्थिती
दिल डोले मन डोले, जब मोबाइल में बैटरी लो होले।
मैंने खत सजन के नाम लिखा, वो अपना वाट्स अप तो खोलें। पहले प्रेमी, को याद करने के लिए प्रेमिका और गाती थी कि दिल लेके जा रहे हों कैसे जिएंगे हम? और अब क्या कहती है? फोन देके जा रहे हो, जब भी फोन करोगे वाट्स अप, फेसबुक में आनलाइन पाओगे हमें। पहले कहती थी, तोता बनाके आपको, पिंजड़ा बनेंगे हम.. और आज खुद की होठों में लाली लगाकर, आंखों को भैंगी बनाकर सेल्फी लिया करेंगे हम। जब आएगी तुमको हमारी याद, तो फोन स्विच ऑफ किया करेंगे हम। फोन देके जा रहे हो, तुम्हे तंग किया करेंगे हम।
पहले गाती थी खत सांवरिया के नाम लिख दे।
अब मेसेज भेज कर डिलेट एवरीवन करती हैं। देखने वाला सोच में डूबा रहे क्या भेजा था...