जनता बनी छनौटा
कम आमदानी मे जीने वाला आज भी, उन्ही जंग लगी पटरियों मे दौड़ रहा हैं।
पहले के नेता कमआमदनी के सागर वाली उफ़ान हुआ करते थे।
आज के आईएस सरकार की गुलामी से जनता की गुलामी करना ज्यादा पसंद करते हैं।
महफिल मे जमा इंसानों का मनोरंजन करने वाले अभिनेता अपने पहले दो अक्षर खा कर,
नेता बन रहे हैं।
देश का जवान, किसान, सामाजिक चिंतन-मनन करने वाले सूखे पेड़ की टहनियो मे,
लटक कर फासी का फंदा गले लगा रहे हैं।
बाबा योगी छोड़ जंगल नदी के किनारे, गाँव शहर से होकर संसद मे पधारे।
आईएस, अभिनेता, गायक, योगी-बाबा जनता को नेता के नाम से दीमक की तरह,
जनता को चूस-चूस कर दीमकी बाँस की तरह खोखला बनाएँगे।
बना देंगे जनता के भी घर दीमकी भीठ की तरह, जो चुनावी बारिश मे भींग कर ढह जाएंगे।
पढ़ा लिखा बेरोजगार टेट, सीटेट, बीएड, वकालत कर, एम बी बी एस की डिग्री लेकर,
बिन पानी वाली मछली बन राजस्थानी तपती रेत मे तिलमिलाएगे।
कर खुद्दारी जनता से आईएस अभिनेता गायक अब नेता बन जाएंगे।