लूटने से बचो।
मंदिरों को अक्सर लूटा गया, महलो में क़ब्जे किए।
पूंजीपतियों को जमीदारी, गरीबों को गुलाम बनाया।
मध्यमवर्ग जब उग्र हुआ तो उन्हें, फाँसी में लटकाया।
जाति धर्म रंग भेद-भाव से, मानव मे दो फ़ाक कराया।
ऊँच नीच जोड़ करनी संग, भाई भाई को भड़काया।
कर ओछी-ओछी राजनीति देश को भृष्ट बनाया।
कर बटवारे देश के चारो ओर आतंकवाद फैलाया।
सीखा विदेशी भाषाओं को, हिंदी का अपमान कराया।
पढ़ पोथी ले ज्ञान विदेशी, भारती संकृति को मिटाया।
चढ़ सुप्रीम कोर्ट के ऊपर, अपना सविधान बदलाया।
एक नही 40 से 20 जवनो को, मौत के मुँह में झोकया।
छीन हुनर लाखों रोजगारों को, मुफ्त में धन लुटाया।
हमारे पास हुनर है, धन दौलत नही, हमे काम चाहिए।
हम भारतीय है मुफ्त की खाना पसंद नही करते हमे काम चाहिए मुफ्त की ख़ैरात नही।
बाँट मुफ्त की ख़ैरात हमे अपना गुलाम न बनाओं।
लूटा बैंकों का पैसा पूंजीपतियों को, उन्हें भगोड़ा बनाया।
चूस खून गरीबो का 12 घण्टे जी जान से काम कराया।