भारत एक लोकतांत्रिक देश है और यहां की लगभग 130 करोड़ की जनता को भारत का कानून मानना होता है। अगर किसी को किसी कानून या किसी बात से परेशानी हैं तो वे इसका विरोध कर सकते हैं। देश ने 15 अगस्त, 1947 को अंग्रेजों से आजादी हासिल की थी और 26 जनवरी, 1950 को भारत का कानून लागू किया गया जिसे सभी गणतंत्र दिवस के तौर पर जानते हैं। इस दिन को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया था और भारतीय संवैधानिक सभा द्वारा नये भारतीय संविधान की रूप-रेखा तैयार हुई थी। भारत के गणतांत्रिक देश बनने की खुशी में इसे हर साल 26 जनवरी को मनाने की घोषणा की गई थी। इस साल देश अपना 71वां गणतंत्र दिवस मनाएगा और इसके अलावा हम आपको इस दिन के इतिहास के बारे में बताएंगे।
क्या है गणतंत्र दिवस 2020 में खास ? What is Special on Republic Day 2020
26 जनवरी, 2020 को भारत अपना 71वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। भारत ने अपना पहला गणतंत्र दिवस साल 1950 में मनाया था। 26 जनवरी, 2020 को मुख्य अथिति के रूप में ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो भारत आएंगे। वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति को पिछले साल आमंत्रित किया था जिसे जेयर बोल्सोनारो ने खुशी के साथ स्वीकार किया था। ये ब्राजीलियन राष्ट्रपति का तीसरा भारत दौरा होगा। नरेंद्र मोदी की ब्राजीलियन राष्ट्रपति से पहली मुलाकात ब्राजील में संपन्न हुए 11वें ब्रिक्स समिट के दौरान हुई। अपने विदेश नीति को विस्तार करने के लिए पीएम मोदी ने उन्हें Republic Day 2020 पर न्यौता दिया था। इस संबंध में पीएम मोदी ने बताया कि इससे दोनों देशों के आर्थिक संबंध अच्छे होंगे। दिल्ली में गणतंत्र दिवस का भव्य आयोजन होता है और एक बार फिर लाल किले पर पीएम मोदी तिरंगा लगराएंगे। इसके बाद जल, थल, वायु द्वारा आयोजित परेड होगी जैसा कि हर साल होता है। जानकारी के मुताबिक इस वर्ष भारतीय वायुसेना के 41 विमान हिस्सा लेंगे इनमें से सबकी नजर अमेरिकी हैवी लिफ्ट हेलीकॉप्टर चिनूक और लड़ाकू हेलीकॉप्टर अपाचे पर होगी। इसके अलावा देश के हर स्कूल-कॉलेज और सरकारी दफ्तर में गणतंत्र दिवस को मनाया जाता है।
क्या है गणतंत्र दिवस का इतिहास? What is History of Republic Day 2020?
26 जनवरी, 1950 को आजाद भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 21 तोपों की सलामी के बाद भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को फहराया था। इस तरह से भारतीय गणतंत्र का ऐतिहासिक जन्म हुआ और इसकी घोषणा भी उन्होंने ही की थी। अंग्रेजों के शासनकाल से छुटकारा पाने के लिए 894 दिन बाद भारत आजात होकर स्वतंत्र राज्य बना था। तब से लेकर आज तक हर साल पूरे भारत में गणतंत्र दिवस गर्व और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने लगा। चलिए बताते हैं इस दिन से जुड़े इतिहास के बारे में कुछ बातें..
1. गणतंत्र दिवस लागू करने का दिन 26 जनवरी को इसलिए चुना गया क्योंकि इसी दिन साल 1930 में राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था।
2. भारत के आजाद होने के बाद संविधान सभा की घोषणा हुई और इसने अपना काम 9 सितंबर, 1947 को शुरु कर दिया था। संविधान सभा ने 2 साल, 11 महीने, 18 दिन क समय लिया और भारत संविधान का निर्माण हुआ।
3. डॉ. राजेंद्र प्रसाद को 26 नवंबर, 1949 को भारत का संविधान सौंप दिया गया था इसलिए 26 नवंबर को भारत में संविधान दिवस मनाया जाता है लेकिन इसमें कई सुधार और बदलाव के बाद सभा ने 308 सदस्यों ने 24 जनवरी, 1950 को संविधान की दो हस्तलिखित कॉपियों पर साइन किए।
4. सभी के हस्ताक्षर होने के दो दिन बाद यानी 26 जनवरी को पूरे देश में इसे लागू कर दिया गया। 26 जनवरी का महत्व बनाए रखने के लिए इस दिन संविधान निर्मात्री सभा द्वारा स्वीकृति संविधान मे भारत को गणतंत्र स्वरूप मान्यता दी।
5. हर साल किसी दूसरे देश के प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति को गणतंत्र दिवस पर आमंत्रित किया जाता है। इसका उद्देश्य भारत में प्रचलित 'अथिति देवो भव:' है और ये भारत की महान परंपराओं में एक है।
यह भी पढ़ें-
Amazon के मालिक Jeff Bezos इस तरह बने दुनिया के सबसे अमीर आदमी
विश्व के महान शासक नेपोलियन बोनापार्ट का जीवन-परिचय
अक्सर रावण के बारे में बुराई सुनने वाले राणव के इन 13 गुणों से अनजान होंगे
21 साल की उम्र में Ritesh Agarwal ने इस तरह बनाई 360 करोड़ की कंपनी