जब ये ईश्वर ने ये सृष्टि बनाई है उसके बाद से इंसान ने अपने दिमाग से ना जाने कितनी प्रगति की है लेकिन प्रकृति से टकराने की हिम्मत किसी ने नही की है। इंसान ने पेड़ों और पहाड़ों को काटकर ना जाने कितना कुछ बना लिया लेकिन प्रकृति अपने पर आई तो खुद को इस लायक बना लिया कि इंसान की एक भी नहीं चली। ऐसा आपने कई बार देखा होगा, कि इंसान के बनाए ढांचे पर प्रकृति ने अपना रंग चढ़ा दिया हो उन्हींं में से कुछ तस्वीरें हम आपके लिए लेकर आए हैं जिन्हें आपको पूरी एक बार जरूर देखनी चाहिए। इस तस्वीरों को देखकर आपको लगेगा कि कुछ भी हो जाए लेकिन प्रकृति के आगे किसी भी तकनीक का बस नहीं चलता है।
प्रकृति ने बताया इस दुनिया का मालिक कौन है?
इंसानों को ये घमंड हो गया है कि पृथ्वी पर उनका अधिकार है, हर जगह उनका सिक्का ही चलना चाहिए। हमने जहां भी कदम रख दिया है वो हमारा हो गया लेकन हमें ये याद रखना चाहिए कि हम सभी इस दुनिया में एक मुसाफिर हैं जिन्हें एक ना एक दिन यहां से जाना होगा। जिस दिन प्रकृति का मन बिगड़ गया तो हमारी औकात हमें पता चल जाएगी। बड़े हादसों पर भी ना जाएं हमें इन तस्वीरों से कुछ सीख लेनी चाहिए।
ये पेड़ लोहा खाने की ताकत रखता है, वो बा अलग है कि किसी ने आंखे लगाकर इसे फनी बना दिया।
नार्वे में ये एक वीरान जगह है जहां पर ये घर खाली पड़ा हुआ है।
कभी ये अपार्टमेंट हुआ करता था लेकिन कुदरत ने अपनी छाप यहां भी छोड़ दी।
भगवान बुद्ध की इस मूर्ती पर अब इतने सारे पेड़ों का कब्जा हो चुका है।
Namibia के इस घर में पहले आतंकवादियों का रहा करते थे लेकिन अब ये रेगिस्तान है।
बंद पड़ी इस चिपनी को देखिए, इसके टॉप पर पेड़ निकल आया है।
पेड़ के स्टॉप साइन को कभी देखा है? ये पेड़ तो इस साइन बोर्ड को ही खा गया।
बीच सड़क पर रखी इस साइकिल का हाल कुछ ऐसा हो गया कि पता ही नहीं चल रहा क्या है ये?
चीन में ये ट्रेन अब पेड़ पौधे चलाते हैं। कितने प्यार से ये लड़की इसे देख रही है।
कुछ सालों तक एस्कलेटर बंद रहने के कारण ये हरा-भरा सा हो गया।
कब्र पर खड़े हो गए जीवित पेड़, ये नजारा भी बेहद अद्भुत है।
यहां कुछ लिखा हुआ था लेकिन इस बोर्ड पर पेड़ ने अपना कब्जा जमा लिया है।
ऑफिस के फर्श पर कारपेट नहीं बल्कि प्रकृति की मेहरबानी बिछी हुई है।
परमाणु हादसे के कारण Chernobyl शहर को इस तरह पूरा खाली कर दिया गया था।
जिस पुरानी कार को आप देख रहे हैं उसे देख ही सकते हैं क्योंकि ये कार अब कहीं नहीं जा सकती।
ऑस्ट्रेलिया में ये जगह समुद्र के बीच बिल्कुल विरान पड़ी हुई है।
ये जापान का एक मंदिर है जहां पर घास और काई ने अपना बसेरा कर लिया है।
इन जालियों को फाड़ते हुए पेड़ ने अपनी जगह बना ली।