देश में रेप और उसके बाद हत्या की घटना ज्यादा ही बढ़ने लगी है। हर लड़की एक डर के साए में जी रही है और सरकार से एक ही सवाल कर रही है कि क्या वे भारत में सेफ हैं। पहले दिल्ली वाले निर्भया केस और अब हैदराबाद जैसा केस सामने आया जिसके बाद देश में एक आक्रोश आ गया है। सभी एक ही सवाल कर रहे है कि उन्हें सजा मिलनी चाहिए मगर एनकाउंटर हो गया तो उसमें भी सवाल क्यो किया गया एनकाउंटर ये गैर कानूनी है और फर्जी भी है। अब इस केस में अभियुक्तों के परिवार वालों ने बोला है कि उनके बच्चों को फंसाया गया है, चलिए बताते हैं क्या है पूरा मामला?
हैदराबाद गैंगरेप केस में आया नया मोड़
हैदराबाद गैंगरेप के चारों आरोपियों को पुलिस एनकाउंटर में मौत को गले लगाना पड़ा। TOI की एक रिपोर्ट के मुताबिक अभियुक्तों के परिवार वालों का कहना है कि दो आरोपी नाबालिग थे, इसके अलावा आरोपियों के परिवार वालों ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के सामने पुलिस एनकाउंटर को भी फेक बताया है। चारों आरोपी जे नवीन, जे शिवा, मोहम्मद आरिफ और चेन्नाकेशवुलु थे और इनमें से नवीन और शिवा के परिवार वाले उन्हें 17 सला का नाबालिग बता रहे हैं। नवीन की मां के मुताबिक उनका एकलौता बेटा 17 साल का था जो साल 2002 में पैदा हुआ था। कुछ साल पहले ही उसने स्कूल जाना सीखा था तो वहीं शिवा के पिता ने कहा कि पुलिस ने फेक एनकाउंटर किया। आरोपी पुलिस की गिरफ्त से कैसे भाग सकते हैं? ऐसा भी दावा किया गया है कि शिवा की उम्र 17 साल थी जो 15 अगस्त 2002 को पैदा हुआ था। उनके पास स्कूल की तरफ से जारी हुए सर्टिफिकेट्स भी हैं। वे जल्द ही उन सबूतों को NHRC को सौंपेंगे। वहीं पुलिस ने एनकाउंटर वाले दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया कि चारों आरोपी बालिग थे और सभी की उम्र 20 से 24 साल थी। इस एनकाउंटर के बद लोगों ने जश्न मनाया और विक्टिम को इंसाफ मिल गया। पुलिस पर फूलों की बारिश हुई और वहीं दूसरी ओर कुछ लोग इनकी आलोचना भी कर रहे हैं। NHRC ने इस एनकाउंटर पर जांच के आदेश दिए हैं और कहा है कि एनकाउंटर चिंता का विषय है और इसकी जांच जरूरी है। 9 दिसंबर के दिन राज्य सरकार ने इस केस के लिए विशेष जांच कमेटी का गठन किया है और इसकी कमान पुलिस कमिश्नर एम भागवत को दिया है।
क्या है पूरी घटना?
27 नवंबर की रात में चार संदिग्ध लोगों ने महिला डॉक्टर के साथ गैंगरेप किया और फिर जलाकर मार डाला। अगली सुबह जब स्थानीय लोगों ने देखा तो पुलिस को सूचना दी। घटनास्थल पर पुलिस पहुंची और पूरे इलाके का जायजा लिया। फिर सीसीटीवी कैमरे के जरिए आरोपियों का पता लगाया और 29 नवंबर को चारों आरोपियों को पकड़ लिया गया। इसके बाद आगे की कार्यवाही शुरु की गई और चारों पर रेप, हत्या, अगवा करने के तहत केस दर्ज किया गया। इसके बाद 6 दिसंबर को पुलिस ट्रायल पर आरोपियों को उसी घटनास्थल पर ले गई और जब पुलिस सीन को रिक्रिएट करने की कोशिश भी थी तभी एक आरोपी ने बंदूक ली और दूसरे को हिम्मत मिली तो उसने भी बंदूक छीन ली और चारों भागने की कोशिश में थे। कमिश्नर के अनुसार, उन्होंने काफी कोशिश की कि वे सभी सरेंडर कर दें लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और भागने की फिराक में थे। उस दौरा उन्होंने पुलिस पर पत्थरबाजी और गोली भी चलाई, जिससे दो पुलिस कर्मी घायल हो गए और फिर अंत में पुलिस को शूट करना पड़ा। इस घटना की पूरी जानकारी हैदराबाद पुलिस ने प्रेस कॉंफ्रेंस मे दी।