हैदराबाद में रेप की घटना के साथ ही एक और खबर सामने आई जो नित्यानंद को लेकर थी। रेप आरोपी बाबा नित्यानंद जिसका असली नाम जनार्दन शर्मा है जो सुरक्षा एजेंसी को चकमा देकर देश छोड़कर भाग गया है। ऐसी खबरें आ रही हैं कि नित्यानंद ने अपना देश बनाया है जिसका नाम कैलासा है और यहां का अपना पासपोर्ट है, अपना झंडा है और इस झंडे पर नित्यानंद की तस्वीर के साथ नंदी बैल भी नजर आ रहा है। इसके बाद सरकार की नजर नित्यानंद पर बहुत तेज हो गई है और इसके हर बैंक अकाउंट और प्रॉपर्टी पर नजर रखी जा रही है। आपको अपना खुद का देश, अपना झंडा ये सब एक मजाक लगता होगा लेकिन ऐसा आपने कई बार फिल्मों में देखा है जो नित्यानंद ने असल जिंदगी में कर दिखाया है। क्या आपने ऐसी फिल्में देखी हैं?
जब फिल्मी विलेन का रहा अपना देश
अपना देश बनाने वाली घटना रियल लाइफ में है ये बात अजीब लगती है ना? मगर बॉलीवुड फिल्मों में ऐसा एक नहीं कई बार दिखाया जा चुका है। हर एक कैरेक्टर या निगेटिव कैरेक्टर होता था जिसका अपना साम्राज्य होता था और उसे हीरो खत्म करने पहुंच जाता था फिर वो हीरोइन को छुड़ाने जाए या अपनी मां-बहन को बचाने जाए, चलिए बताते हैं कौन सी थीं वो फिल्में?
जनरल डॉन्ग (तहलका)
साल 1992 में आई फिल्म तहलका को अनिल शर्मा ने निर्देशित किया था। फिल्म में अमरीश पुरी विलेन जनरल डॉन्ग बने थे। इसमें जनरल डॉन्ग का अपना अलग ही देश था और वो उसके पाप का अड्डा होता है। उसके बुरे काम की लंका नसीरुद्दीन शाह, आदित्य पंचोली, एकता सोहिनी, जावेद जाफरी जैसे कलाकार लगाते हैं। फिल्म एवरेज गई थी लेकिन अमरीश पुरी की डरावनी आंखों से दर्शक डर जरूर गए थे।
शाकाल (शान)
साल 1980 में आई फिल्म शान में अमिताभ बच्चन, शशि कपूर और शत्रुघ्न सिन्हा का एक्शन और ड्रैमेटिक रूप देखने को मिला। मगर फिल्म में कुलभूषण खरबंदा ने शाकाल नाम के विलेन का किरदार निभाया जिसने दर्शकों का दिल जीत लिया था। शाकाल के देश का काई नाम नहीं था लेकिन वो देश सरीखा ही एक अलग द्वीप पर रहा था और फिल्म में एक बड़ी स्टारकास्ट थी। इसमें शाकाल का एंपायर होता है और वो अपने दुश्मनों को मगरमच्छ को खिला देता है। फिल्म को खास रिस्पॉन्स तो नहीं मिला था लेकिन फिल्म के गाने सुपरहिट हुए थे।
मोगैंबो (मिस्टर इंडिया)
साल 1986 में आई फिल्म मिस्टर इंडिया में मोगैंबो (अमरीश पुरी) का खौफ आज भी लोगों में है। ये किरदार इतना फेमस हुआ कि लोगों ने मोगैंबो को खुश करने की तकनीक 'हे मोगैंबो' बोलना शुरु कर दिया। फिल्म ब्लॉकबस्टर थी और इसमें अनिक कपूर के साथ श्रीदेवी की कैमिस्ट्री देखने लायक थी। इसमें एक द्वीप पर रिटायर्ड आर्मी मैन रहता था जो मोगैंबो था और उसकी दहशत का आलमम ये था कि उसकी ये दहशत सिर्फ इस आइलैंड पर नहीं बल्कि भारत के मुंबई में भी जा पहुंची थी। इस रायते को समेटने के लिए अरुण (अनिल कपूर) के हाथ एक मैजिक घड़ी लग जाती है जिससे वो मोगैंबो का साम्राज्य खत्म करता है। उसे वहां तक पत्रकार सीमा साहनी (श्रीदेवी) लेकर जाती है और ये फिल्म बड़ी कामयाब हुई थी।
राजा जयचंद (फरिश्ते)
साल 1991 में आई फिल्म फरिश्ते, जिसमें धर्मेंद्र, विनोद खन्ना और रजनीकांत जैसे बड़े सितारे थे। इसमें जयचंद नाम का एक विलेन होता है जिसने एक गांव पर कब्जा करके उसे अपना देश बना लिया। वो गांव भारत में ही था लेकिन जयचंद भारत सरकार को नहीं मानता था। फिल्म में जयचंद जय और वीरू की बहन का कत्ल कर देता है और जय-वीरू जयचंद तक पहुंचने की कोशिश करते है तब उन्हें जयचंद के साम्राज्य के बारे में पता चलता है। हालांकि बाद में उसका ये साम्राज्य खत्म हो जाता है लेकिन ये फिल्म बड़ी कमाल की थी।