शरद ऋतु।
शरद ऋतु में घर आंगन आग दहकती।
धुंआ बना रास्ता आसमान तक जाता।
छोटे बड़े पेड़ पौधों को खूब पोषण देता।
साथ ओस के घास फूस पेड़ पत्ते नहाते।
नई कोपलों कलियों में तितलियां इठलाती।
ओढ़ जूट की पिछौरी गाय भैंस पगुराती ।
कुहकुआते कुकुर बुझी राख में लेट जाते।
लै लौटा सास बहुरिया झुरमुट झाड़े जाती।
साठ हाथ की रस्सी से मटका भर लाती ।
लै गोद गदेलन का, अचरन दूध पिलाती।
ओढ़ पीछौरी आंगन में पकवान बनाती।
धरि पिढ़वा मनस्वा खातिर भोजन परोसती।
दई मूछों में ताव तानी सीना बाहर को जाते।