कौन नहीं अकेला?कौन नहीं अकेला?
अकेले आए थे, अकेले जाओगे।
ये तो रिश्ते है, जन्म में दादी सूप धरे।
मरने के बाद, रास्ते भर चार कंधे धरे।
कब्रिस्तान, गंगा और शमशान तक।
नाम है तो भीड़, काम किया तो नाते रिश्ते।
गर मर गए तन्हा, बिन रिश्ते, उसे जल समाधि मिलती है।
वर्ना कही लाशे ताबूत में रखी जाती है।