छुपा-छुपा सा है।
सुबह के समय पूरा सावदा कोहरे की चादर लिपटा हुआ। न स्कूल दिख रहा था। न बस्ती दिख रही थी। बस कोहरे में झिरफता हिमपात जिससे गली सड़क की धूल बैठ गई है। काली सड़के हिमात से कौआ स्नान कर चुकी है। पीपल के पत्तो से पानी टपक रहा है।
सोल शूटर में लिपटे हुए दिखते लोग काम में जाती महिलाएं अपने सोल के नीचे दोपहर का लंचबॉक्स झोले में छुपाए हुए पैरो में पड़ी चप्पलों को संभालते हुए कदम रखती। युवा लड़के जो कभी हाफ टीशर्ट में अपने पैरो में पड़ी पतली चप्पलों में दिखते उनके पैरो को जूतों ने जकड़ लिया है। स्कूल के चारोतरफ सन्नाटा फैला है। सामने के पेड़ सफेदी से घिरे दिखते। कार की तेज रोशनी जलती दिया की तरह झलक रही है। सामने से जाते कामगार मजदूर बीड़ी सिगरेट से बने धुएं का छल्ला बनाते हुए सीने को झुकाए एक हाथ अपनी कखरी के नीचे छुपाए ताकि हथेली गर्म रहे।
उनके पैरो में पड़े रबड़ के जूते उन्हे खेतो के रास्ते कंपनी की तरफ लिए जा रहे है। स्कूल का मैदान कारों से भरा हुआ। एक दो बच्चे अपनी हथेली को पीटते हुए जीने की तरफ जाते हुए दिखे। अधखुले दरवाजों से आती आवाजे। टीचर की कुर्सी खाली ठंड में बैठने का मन करता ही नहीं। वह भी अपने कान को टोपी से ढके हुए। इम्तहान की वजह से क्लास में अपनी अपनी नजरे झुकाए छात्र छात्राएं जिनके कलम की रफ्तार भी धीमी है। मुंह खुलते ही सिगार वाला फील देने वाला धुआं भी खिड़की दरवाजों से टकरा कर उनमें लगे शीशे में भाप बनकर चिपक गई है।
एक कमरा जिसमे सभी छात्र देखते ही चिल्ला पड़े। नमस्ते सर... नमस्ते बैठो सभी बैठ गए।
अच्छा दोस्तो आज हम शहरी जंगली जीव जंतु पर चर्चा करेंगे। सब में एक सब्र झलक रहा था। सब्र को परखते हुए। उनके सामने लगे ग्रीन बोर्ड में शहरी जंगली जीव जंतु वाला बैनर चिपका दिया गया। उसकी तरफ इशारे से बात करते हुए दो सवाल हुए।
1 कौन से जानवर है जिनको हम सहते हैं और कौन है जिन्हे हम पालते हैं?
मच्छर, चूहे, बंदर।
2 : पालते हैं क्यों? और सहते है तो क्यों?
सवाल को सुनने के बाद पूरा क्लास चूहे का जिक्र करने लगा। उनमें से एक लड़ी उसने गाय का जिक्र किया। सभी के अपने अपने विचार थे। उनमें से छवि नाम की लड़की ने एक चूहे की कहानी को लिखा बाकी के साथी एक या दो लाइन लिखकर बोला यह हैं मेरी कहानी आधे ज्यादा साथियों ने नाम और जानवरो के ही नाम लिख पाए। उधर डॉक्टर गुलाब सिंह जो की स्कूल के उप प्रधाना अध्यापक का रोल अदा करते हुए अपने छात्रों से बोला जो समझ आए उसे लिखे जो अच्छा लिखेगा उसका हम अपनी स्कूल की पत्रिका में छापेंगे। इसके बाद वह स्कूल में राउंड मारने के लिए निकल गए। यह स्कूल की पांचवी क्लास थी। बाकी बड़े बच्चो के पेपर चल रहे थे। अब वह अपने मन मुताबिक जानवरो की लिस्ट बनवाई
चूहा, साप, छिपकली, चिटी, दीमक, सूअर, बकरी, गाय, साड़, तोता, कबूतर, इनमे से सब ज्यादा चूहे का जिक्र चूहे की एक नही दो तीन कहानियां सुनाया जिसमे छवि की कहानी सभी को पसंद आई।