कहूं तो क्या कहूं।
बात कहूं या कहूं गज़ल।
सोच कहूं या शायरी,
समझ कहूं या कहूं कहानी।
जीवन कहूं या दुनियादारी,
जाति कहूं या धर्म कहूं।
राजनीति कहूं या रंगदारी,
भाई कहूं या कहूं बहन।
जग कहूं या परिवार कहूं,
देश कहूं या कहूं विदेश।
या कह दू सब थलसंसार,