इसरो के वैज्ञानिकों ने संसार का सबसे
हल्का मटेरियल तैयार करने का दावा किया है। ये मटेरियल दुनिया के सबसे ऊँचे कोल्ड
बैटल फिल्ड सियाचिन में तैनात भारतीय आर्मी जवानों को गर्म रखने में काफी मददगार
साबित हो सकता है। फिलहाल इसे 'सिलिका एरोजेल' या 'ब्लू एअर' (एरोजेल) नाम दिया गया है। ऐसा माना
जा रहा है कि अगर ब्लू एअर से बनी थर्मल जैकेट लांसनायक हनुमनथप्पा और उनके
साथियों के पास होती तो शायद उनकी जान बच सकती थी। उल्लेखनीय है कि वैज्ञानिकों का
कहना है कि ब्यू एअर एक बेहतर थर्मल रेजिस्टेंस है, जिसे सियाचिन में
तैनात आर्मी जवानों के लिए बनाई जाने वाली ड्रेस में यूज किया जा सकता है। इसे यूज
करने से जवानों को दी जाने वाली जैकेट ज्यादा थर्मल रेजिस्टेंट होगी और हम सियाचिन
ग्लेशियर में जवानों को ठंड से बचा सकेंगे। 'ब्यू एअर' स्पेस और अर्थ दोनों
में आसानी से यूज किया जा सकता है। इसे चंद्रयान-2 मिशन में भी इस्तेमाल
किए जाने के आसार हैं। इसे कमरे की खिड़कियों पर पेंट कर घर को भी ठंडा रखा जा
सकता है। ज्ञात हो कि इस मटेरियल को इसरो के तिरुवनंतपुरम स्थित विक्रम साराभाई
स्पेस सेंटर में तैयार किया गया है। यह मटेरियल इतना हल्का है कि इसे एक फ्लावर के
ऊपरी हिस्से पर भी आसानी से रखा जा सकता है। इसे जेल (Gel) से पानी निकालकर बनाया
जाता है। एयरोजेल में 99 फीसदी हवा मौजूद होती है। सेंटर के डायरेक्टर डॉ. के. सिवान ने बताया कि
साइंटिस्ट्स ने इसे 'फ्रोजन स्मोक' नाम भी दिया है। इसरो के वैज्ञानिक अभी इसे और लचीला बनाने के लिए काम कर रहे
हैं। इसका यूज रॉकेट इंजन में इंसुलेटर के तौर पर किया जा सकता है।(साभार:भास्कर.कॉम)