गौरतलब है कि फेसबुक के फाउंडर मार्क
जुकरबर्ग को एक इंजीनियरिंग स्टूडेंट अमल अगस्टाइन से एक डोमेन खरीदने के लिए न
केवल रिक्वेस्ट करनी पड़ी वरन इसके लिए बाकायदा पैसा भी चुकाना पड़ा। स्टूडेंट अमल
का कहना है कि उनके लिए पैसों से ज्यादा यह बात अहमियत रखती है कि फेसबुक जैसी
कंपनी ने उनसे कॉन्टैक्ट किया। हालाँकि अमल ने 46 हजार रुपए में यह
डोमेन फेसबुक को दिया है। क्यों जुकरबर्ग को कोच्चि के एक इंजीनियरिंग स्टूडेंट से
खरीदना पड़ा 46 हजार में एक डोमेन? इस डोमेन में ऐसा क्या है और कौन है अमल? आइये
जानें...
दरअसल अमल अगस्टाइन कोच्चि शहर के
केएमईए इंजीनियरिंग कॉलेज के फाइनल ईयर का स्टूडेंट है। ज्ञातव्य है कि दिग्गज
कंपनी फेसबुक ने उससे maxchanzuckerberg.org
नाम का डोमेन खरीदने के लिए कॉन्टैक्ट किया। बता दें कि नवंबर में मार्क जुकरबर्ग
के घर बेटी का जन्म हुआ था। प्रिसिला चान और मार्क ने इसका नाम मैक्स चान रखा। अमल
ने पिछले साल दिसंबर में ही उनकी बेटी के नाम से मिलता जुलता maxchanzuckerberg.org डोमेन रजिस्टर करवा लिया था। जब फेसबुक को यह पता चला कि उनकी बेटी के नाम से
मिलता-जुलता डोमेन अमल ने रजिस्टर करा रखा है, तब फेसबुक ने उनसे
कॉन्टैक्ट किया। और इसे खरीदने के लिए 700 डॉलर यानी 46,655 रुपए का ऑफर अमल को दिया| अमल ने इस रिक्वेस्ट को मंजूर कर लिया। इस बाबत अमल
का कहना है कि 'उन्हें इंटरनेट डोमेन रजिस्ट्री और वेब होस्टिंग कंपनी 'गो डैडी' से एक ईमेल मिला था।' इसमें लिखा गया था कि
क्या वे यह डोमेन बेचने को तैयार हैं? अगर हां तो इसकी प्राइस क्या होगी? जवाब में अमल ने हां लिखा और 700 डॉलर की मांग की। दूसरी तरफ से जब जवाबी ईमेल आया तो अमल को अहसास हुआ कि यह
फेसबुक से है। डील मंजूर करना वाला ईमेल आइकॉनिक कैपिटल कंपनी की मैनेजर सारा चैपल
ने लिखा था, जो जुकरबर्ग के फाइनेंस मामले को देखती हैं
* क्या है साइबर स्क्वाटिंग?
मिलते-जुलते नामों के डोमेन
रजिस्टर कराने के जरिए पैसा कमाने की प्रॉसेस को साइबर स्क्वाटिंग कहते हैँ।
यह गैम्बलिंग की तरह होता है। लोग डोमेन बनाकर उनमें इन्वेस्ट करते हैं
ताकि फ्यूचर में उन्हें बेचकर कमाई कर सकें। कोच्चि के स्टूडेंट अमल
ने भी इसी तरह डोमेन बनाया था, लेकिन जब फेसबुक से रिक्वेस्ट आई थी तो उन्होंने मामूली रकम पर इस डोमेन को
बेच दिया। (साभार:भास्कर.कॉम)