लग्जरी ट्रेन की कई सुविधाओं के बारे में यूं तो आप बखूबी जानते होंगे| लेकिन
क्या आप जानते हैं या कभी सोचा है कि ट्रेन के ड्राइवर्स ‘नेचुरल कॉल’ पर टॉयलेट
भी नहीं जा सकते? क्योंकि ट्रेन के इंजन में टॉयलेट होता नहीं है और अपनी मर्ज़ी से
वो ट्रेन को रोक नहीं सकते। इसलिए मजबूरी में उन्हें घंटों तक अपने "नेचुरल कॉल"
को रोक कर रखना पड़ता है, जिस कारण ट्रेन के ड्राइवर्स बड़े पैमाने पर 40 की उम्र तक आते-आते
विभिन्न बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। इस बारे में मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है
कि “नेचुरल कॉल” रोकने से इन्फेक्शन हो सकता है। यह इन्फेक्शन किडनी को बुरी तरह
से प्रभावित भी कर सकता है और किडनी काम भी करना बंद कर सकती है। साथ ही इस कारण गैस्ट्रिक, डाइजेस्टिव सिस्टम
सहित कई अन्य कॉम्पलीकेशंस भी हो सकते हैं। हालाँकि इस बाबत रेल उच्चाधिकारियों का
कहना है कि जब ट्रेन ड्राइवर्स को “नेचुरल कॉल” आती है तो वो 'आइ एम नॉट वेल' का संदेश भेजते हैं,
जिसके बाद उनके तात्कालिक स्टेशन के बाद वाले स्टेशन पर उन्हें शौच की व्यवस्था
कराई जाती है। इस दौरान ट्रेन को सेफ लाइन में रखा जाता है, ताकि दूसरी ट्रेन
प्रभावित ना हों|