लखनऊ से सटे बाराबंकी जिले के मुजफ्फरनगर महौली की 13 वर्ष की एक नाबालिग बच्ची ने एक “नवजात बच्ची” को जन्म दिया है | हालाँकि दोनों की नन्हीं जानें अभी आईसीयू में हैं। 13 वर्ष की इस नाबालिग बच्ची की मां के अनुसार, विगत 17 फरवरी को उनके गांव में भागवत कथा हो रही थी। रात करीब 11:30 बजे जब कथा खत्म हुई, तो बेटी मंदिर के पीछे बाथरूम करने चली गई। वहां एक व्यक्ति (आरोपी) ने उसे पकड़ लिया और मुंह दबाकर रेप किया। फिर धमकी दी कि किसी को बताया तो घरवालों को मार डालेगा। इस धमकी से बेटी बुरी तरह डर गई। 8 जुलाई को अचानक उसकी बेटी की तबियत बिगड़ गई। उसे तुरंत मुजफ्फरनगर महौली से बाराबंकी ले जाया गया। डॉक्टरों ने सोनोग्राफी की तो पता चला कि वो गर्भवती है। इसके बाद बेटी से रेप की घटना के बारे में पता चला। इसके बारे में पुलिस से शिकायत की गई। फिर बेटी के पिता गर्भपात की इजाजत लेने 13 अगस्त को बाराबंकी मजिस्ट्रेट कोर्ट गए, लेकिन वहां कहा गया कि जिला अस्पताल जाओ। 18 अगस्त को सीएमओ से मिले तो उन्होंने कोर्ट जाने को कह दिया। इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचे, लेकिन 7 सितंबर को कोर्ट ने कहा कि पहले मेडिकल जांच कराओ। जांच के बाद डॉक्टरों की टीम ने ये कहकर इजाजत देने से मना कर दिया कि गर्भ साढ़े सात महीने का हो चुका है। बच्ची की जान जा सकती है। कुछ दिनों बाद उनकी बच्ची को डिलीवरी हेतु लखनऊ के क्वीन मैरी हॉस्पिटल में भर्ती किया गया जहां उसने एक नवजात बच्ची को जन्म दिया हालाँकि दोनों अभी आईसीयू में हैं | इस बीच लड़की के मजदूर पिता ने आरोपी व्यक्ति की चौखट पर उनकी बेटी को अपनाने के लिए कई बार मत्था टेका लेकिन आरोपी के परिवार वालों का कहना है कि चाहे वह जेल में सड़ जाये लेकिन वो न उसकी बेटी न उसकी बच्ची को अपनाएंगे | इस घटना से लड़की के मां-बाप सदमे में हैं और अपनी किस्मत को कोस रहे हैं | उनका कहना है कि बेटी को तो वो ले जायेंगे लेकिन उसकी नवजात बच्ची को अस्पताल में ही छोड़ जायेंगे | अब देखना यह है कि इस मामले में कोर्ट, पुलिस, समाज का क्या रुख होता है ? लेकिन निश्चय ही 13 वर्ष की मां और उसकी नवजात बच्ची का भविष्य हम सभी के लिए एक प्रश्न जरुर बनकर रह गया है ।
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