आत्मीयता का विश्वास लेकर ।
मधुरता का पैगाम लेकर ।
दरिद्रता का अन्न लेकर ।
आज धरा पर आया है ।
हमारा नया वर्ष आया है ।
नवजीवन में मुस्कुराहट लेकर ।
खिले मन सा सुमन लेकर ।
वनिता का सिंदूर लेकर ।
भाई-भाई का प्रेम लेकर ।
आज धरा पर आया है ।
हमारा नया वर्ष आया है ।
विषम समाज की समता लेकर ।
दीर्घायू जनतंत्र की कामना लेकर ।
झगड़े-फसाद का कवच लेकर ।
अक्षय भंडार का वसुंधरा लेकर ।
आज धरा पर आया है ।
हमारा नया वर्ष आया है ।
नव रश्मि में उजाला लेकर ।
निर्बल का निराकरण लेकर ।
धवल नवल सा प्रभात लेकर ।
चेहरे का चमकी मुस्कान लेकर ।
आज धरा पर आया है ।
हमारा नया वर्ष आया है ।
सुरक्षा का सुदृढ़ आधार लेकर ।
मधुर बंधुत्व का विस्तार लेकर ।
आतंकी हमले से मुक्ति का प्रचार लेकर ।
अमन-चैन का उपहार लेकर ।
आज धरा पर आया है ।
हमारा नया वर्ष आया है ।
-जेपी हंस