शशांक वैष्णव, परवीन और विनय जिनकी
उम्र तो 25 साल से कम ही है, लेकिन इस छोटी सी उम्र में ही इन तीन युवा उद्यमियों ने सफलता के इतने बड़े
झंडे गाड़े हैं कि आज हर कोई इन पर गर्व कर रहा है। गौरतलब है कि तीनों ने एक वेबसाइट
वीटीफीड (wittyfeed) शुरू की है, जो आज करोड़ों का बिजनेस कर रही है। महज डेढ़ साल पहले शुरू हुई कंटेट वायरल
करने वाली यह वेबसाइट आज अमेरिका की टॉप-100 और यूनाइटेड किंगडम
की टॉप-30 वेबसाइट्स में से एक है। इस वेबसाइट ने लास्ट फाइनेंशियल ईयर में ही 36 करोड़ का टर्नओवर कर
लिया है। तीनों उद्यमियों में परवीन और विनय हरियाणा के एक गांव से हैं जबकि शशांक
मप्र के बड़नगर जैसे छोटे कस्बे से ताल्लुक रखते हैं| शशांक, परवीन और विनय ने
चेन्नई की एसआरएम यूनीवर्सिटी से बीटेक कोर्स किया है। पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने
एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाया, जिसमें जरूरत पढ़ने पर कॉलेज स्टूडेंट्स को बिना इंटरनेट, मोबाइल के सीधे सूचना दिया
जा सके| शशांक ने बताया कि उस समय व्हाट्सएप शुरू नहीं हुआ था और लोगों के ग्रुप
बनाकर मैसेज करने में काफी पैसे लगते थे। तब उन तीनों ने यह सिस्टम बनाया, जिसे कुछ आईआईटी और
चेन्नई के कॉलेज ने खरीदा भी था। हालांकि यह प्लेटफॉर्म अब बंद हो गया है। शशांक आगे
बताते हैं कि फिर तीनों दोस्तों ने अब वत्साना नाम से कंपनी बनाई है। शशांक ने आगे
कहा कि पढ़ाई के बाद अक्टूबर 2014 में वो सब इंदौर आ गए और वीटीफीड (wittyfeed) नाम से एक वेबसाइट
शुरू की। यह वेबसाइट वत्साना कंपनी का ही एक प्रोडक्ट है। उल्लेखनीय है कि यह वेबसाइट
कई चैनल्स के जरिए कंटेट वायरल करती है और जिस कंटेट को जितने व्यू मिलते हैं, उसके हिसाब से ऑथर को
पे किया जाता है। उन्होंने बताया कि कई लोगों को लिखने का शौक होता है लेकिन वे
इससे रेवेन्यू जेनेरेट नहीं कर पाते हैं। इस कारण उन्होंने वीटीफीड के जरिए एक प्लेटफॉर्म डेवलप किया, जिस पर लोग अपना कंटेट
पोस्ट कर पैसा भी कमा सकते हैं। शशांक ने बताया कि जब कोई कंटेट उनकी वेबसाइट के
लिए भेजता है तो एक टीम उसे देखकर यह तय करती है कि आर्टिकल को कितने व्यू मिलेंगे
और इसके साथ ही उसकी कैटेगरी भी तय करती है। जैसे- ऑटोमोबाइल, हेल्थ, करियर, टूरिज्म आदि। उन्होंने
आगे बताया कि लाखों लोगों ने इस वेबसाइट का सब्सक्रिप्शन ले रखा है। उनके
इंट्रेस्ट वाले सब्जेक्ट के आर्टिकल उन्हें मेल पर भेज दिए जाते हैं। इसके अलावा
फेसबुक और अन्य सोशल चैनल्स की मदद से भी लोगों तक यह आर्टिकल पहुंचाए जाते हैं। शशांक ने बताया कि
उनकी वेबसाइट पर रोजाना 50 से 60 लाख व्यूअर्स आते हैं। (साभार:भास्कर.कॉम)