प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आज आंध्र प्रदेश की नई राजधानी के रूप में “अमरावती” की नींव रखी गई | ज्ञातव्य हो कि अमरावती करीब 1800 साल पहले भी सातवाहन राजाओं की राजधानी हुआ करती थी। इसे अब फिर से राजधानी का दर्जा मिलने जा रहा है। गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश से अलग होकर बने नए राज्य तेलंगाना के साथ ही आंध्र प्रदेश की राजधानी अभी हैदराबाद है, जो दस वर्ष तक दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी रहेगी | दस वर्ष बाद तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद ही रहेगी लेकिन आंध्र प्रदेश की राजधानी होगी “अमरावती” | नई राजधानी की नींव श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा रखने के इस अवसर पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री चंद्रबाबू नायडू ने लोगों से #ManaAmaravatiManaRajadhani द्वारा सोशल-मीडिया पर अपनी सेल्फी अपलोड करने की अपील की | इससे निःसंदेह ऐतिहासिक, राजनीतिक, धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत के बावजूद नजरअंदाज हुए अमरावती शहर को नई पहचान मिलना सुनिश्चित हो गया है | अमरावती के मॉडल के अनुसार सबसे पहले एन चंद्रबाबू नायडू की सरकार ने अमरावती को राजधानी बनाने के लिए 32,000 एकड़ जमीन ली हालाँकि वर्तमान में सरकार के पास अब 50,000 एकड़ जमीन है। उल्लेखनीय है कि कृष्णा नदी के किनारे विजयवाड़ा-गुंटुर रीजन में नई राजधानी अमरावती बसाई जायेगी | अमरावती किसी राज्य की पहली ऐसी राजधानी होगी, जिसे इस तरह जमीन जुटा कर बनाया जा रहा है; इसे लैंड-पूलिंग कॉन्सेप्ट कहा जाता है। अमरावती ऐसा पहला शहर होगा, जहां पोस्ट-डेवलपमेंट में मालिकों को शेयर मिलेगा। अमरावती विजयवाड़ा और गुंटुर जैसे शहरों के बीच में अवस्थित है। गुंटुर और विजयवाड़ा शहर नई राजधानी अमरावती के डेवलपमेंट में अवश्य ही कैटेलिस्ट की भूमिका निभा सकते हैं। खास बात यह भी है कि अमरावती से सटे चार नेशनल हाईवे, एक नेशनल वाटर हाईवे, रेलवे का ग्रैंड ट्रंक रूट, तेजी से बढ़ रहा एयरपोर्ट और एक सी-पोर्ट है। निश्चित रूप से यह बुनियादी सुविधाएं इस शहर को फायदा पहुंचायेंगी | दीगर है कि नए डिजाइन के तहत अमरावती को ईस्ट कोस्ट पर 'गेटवे ऑफ इंडिया' के रूप में स्थापित किया जाएगा । काबिलेगौर है कि मार्च 2015 में नायडू ने आंध्र प्रदेश की नई राजधानी का नाम अमरावती रखा था | अमरावती का पहला फेज 2018 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। नई राजधानी में नवरत्न का कॉन्सेप्ट रखा गया है। इसके तहत नॉलेज सिटी, फाइनेंशियल सिटी, हेल्थ सिटी, टूरिज्म सिटी, गवर्नमेंट सिटी, स्पोर्ट्स सिटी, इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी, जस्टिस सिटी और एजुकेशन सिटी बसाने की कोशिश होगी, जिसमें प्राइवेट बिल्डर्स को 50 मंजिला बिल्डिंग बनाने की मंजूरी होगी जबकि सरकारी इमारतें 15 तल्ले से ज्यादा ऊंची नहीं होंगी।
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