पानी में मगरमच्छ के सामने हाथी जैसे बड़े जानवर भी घुटने टेक देते हैं। वहीं
रणथम्भौर टाइगर रिजर्व की फेमस बाघिन मछली (टी-16) बड़े से बड़े मगरमच्छ से
भिड़ने में भी पीछे नहीं रहती। एक बार तो इस बाघिन ने अपने शिकार पर झपट्टा मार रहे
एक भारी-भरकम क्रोकोडाइल को ही कुछ ही मिनटों में अपना शिकार बना लिया। ज्ञातव्य
है कि एमडी पाराशर के इस फोटोग्राफ्स को देश-विदेश में खूब सराहा गया| उल्लेखनीय
है कि वर्ष 2004 में रणथंभौर टाइगर रिजर्व में भयंकर सूखा पड़ा था। जंगल में जीवों के लिए पानी
पूरी तरह सूख चुका था। सभी झील सूखने से जंगल के जीवों को पानी केवल वन विभाग
उपलब्ध करवा रहा था| झीलें सूखने के साथ ही
उसमें रहने वाले सैकड़ों मगरमच्छों को तपती जमीन से बाहर झाड़ियों में छुपने के लिए
आना पड़ा। मगरमच्छों को भोजन के लाले पड़ चुके थे। गर्मी और सूखे के चलते सैकड़ों
मगरमच्छों की मौत हो चुकी थी। इस दौरान एक दिन बाघिन टी-16 ने एक छोटे से जानवर का शिकार किया। बाघिन अपने शिकार को पदम तालाब के पास की
झाड़ियों में छुपा कर कुछ समय के लिए वहां से चली गई। शिकार की रक्षा करने के लिए
उसने अपने दोनों शावकों को भी वहां पर छोड़ दिया। इसी दौरान वहां मरे हुए जीव की
गंध पाकर एक भूखा विशालकाय मगरमच्छ झाड़ी तक पहुंच गया। विशालकाय मगरमच्छ को देख कर दोनों शावक शिकार छोड़ कर 50 फीट दूर जा बैठे। उस
दिन हल्की बरसात होने के कारण आसपास के छोटे गड्ढों में उथला पानी भर गया था। मगरमच्छ
शिकार को घसीट कर उसी उथले गंदले पानी में ले जाने की कोशिश कर रहा था। इसी दौरान
टी-16 वहां पहुंची। उसने बच्चों को दूर खड़ा देख माजरा समझ लिया। मछली सीधे झाड़ी
में घुस गई। और मगरमच्छ के सामने आ गई। एक तरह बाघिन, दूसरी तरफ मगरमच्छ और
बीच में शिकार। मगरमच्छ पूरा विशालकाय जबड़ा खोल कर बाघिन को धमकाने एवं शिकार पर
कब्जा करने के लिए तैयार था। वहीं बाघिन किसी भी कीमत पर शिकार छोड़ने को तैयार
नहीं थी। अचानक मगरमच्छ ने बाघिन की तरफ झपट्टा मारा, लेकिन सतर्क बाघिन ने
खुद को बचाते हुए छलांग लगाई और मगरमच्छ की पीठ पर सवार हो गई। बाघिन ने सीधे मगरमच्छ
के सिर पर हमला किया। दोनों 7 मिनट तक उलझते रहे। आखिरकार बाघिन ने इस विशाल मगरमच्छ को मौत के घाट उतार
दिया। बाघिन ने शिकार एवं मगरमच्छ दोनों को कब्जे में किया और कई दिनों तक शावकों
के साथ इसके मजे लूटती रही। इस घटना को कई लोगों ने देखा, लेकिन वहां मौजूद
फोटोग्राफर एमडी पाराशर ने इसे अपने कैमरे में कैद कर दुनिया की पहली बाघ और मगरमच्छ
की जंग की फोटो प्रस्तुत की जिसे लंदन और अमरीका सहित कई देशों में आयोजित
प्रदर्शनी में विशेष सम्मान मिला।(साभार:भास्कर.कॉम)