मन की शांति एवं शक्ति प्राप्ति
करने के सिद्ध स्थल हैं शक्तिपीठ| शक्तिपीठ वह पवित्र स्थल हैं जहां त्रिदेवियों –महासरस्वती,
महालक्ष्मी एवं महाकाली की सम्मिलित शक्ति अर्थात् देवी शक्ति (देवी सती का दिव्य
स्वरुप) के अधिष्ठान के रूप में जाने जाते हैं| पौराणिक मान्यतानुसार यहाँ देवी
सती के दिव्य पवित्र अंग या आभूषण गिरने एवं विराजमान होने की व्यापक मान्यता है| वास्तव
में चमत्कारिक महात्म्य से परिपूर्ण शक्तिपीठ देवी शक्ति के परम-प्रिय निवास-स्थल
हैं| प्रारंभ से ही इन स्थलों की संख्या और भौगोलिक स्थित्ति के बारे में यूं तो
बहुत सारे मतैक्य हैं जो इनकी गूढता का ही परिचायक है तथापि इनकी सिद्धता के बारे
में किसी को भी कोई संदेह नहीं है| मनोकामना पूर्ति के लिए प्रसिद्ध इन शक्तिपीठ
स्थलों की संख्या विभिन्न स्त्रोतों, सूत्रों एवं लोगों द्वारा 108, 64, 52 और 51 बताई जाती है लेकिन प्रस्तुत पुस्तक में महापीठपुराण के
अनुसार कुल 52 शक्तिपीठों के बारे में शोधात्मक
जानकारी धार्मिक पर्यटन की भावना के अनुरूप दी गई है जिनका एकमात्र लक्ष्य लोगों
को इन स्थलों के बारे में बताना है न कि अंतिम मत प्रदान करना| वैसे भी आस्था तर्क
से परे है साथ ही इसमें विभिन्न मतों एवं विचारों का भी आदर समाहित होता है| अतएव
इस पुस्तक के माध्यम से तत्कालीन भारतवर्ष के सिद्ध शक्तिपीठ स्थलों के बारे में
जानकारी मां शक्ति (देवी दुर्गा) के भक्तों के कल्याण हेतु दी गई है ताकि इन
स्थलों पर पहुँच कर उन्हें आत्मिक शांति एवं शक्ति प्राप्त हो सके| प्रस्तुत
पुस्तक में शक्तिपीठ स्थलों के साथ ही सिद्धपीठों से इसके अंतर को स्पष्ट किया गया
है| वहीं इसमें ‘’मन-मंथन’’ के जरिये स्वयं को जानने की युक्ति भी दी गई है जिससे
व्यक्ति इस दुनिया में आने के प्रयोजन को सहजता से समझ सके| जय माता दी !!!
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(Shaktipeeth (Author : Chandresh Vimla Tripathi, ISBN : 978-93-82688-91-4, Publisher : Gullybaba
Publishing House (P) Ltd., Edition : 2014)