महाराष्ट्र में डांस बार को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाई है. डांस बार को लेकर बनाय गये नियमों को लेकर सरकार की मंशा पर कोर्ट ने सवाल उठाते हुए कहा है. कोर्ट ने कहा है कि डांस बार में डांस करना, सड़क पर भीख मांगने या कोई अवांछित काम करने से बेहतर है.
सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि ‘आप अश्लीलता रोकने के लिए नियम बना सकते हैं, लेकिन मकसद डांस बार को खुलने ही न देना नहीं हो सकता.’ सफाई और फायर सेफ्टी जैसे सर्टिफिकेट के आधार पर लाइसेंस न देने को लेकर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि पहले से चल रहे रेस्टोरेंट पर ऐसी शर्त क्यों?
क्या पहले वो बिना सफाई या अग्नि सुरक्षा के चल रहे थे? अदालत ने कहा कि सिर्फ कर्मचारियों की अपराधिक पृष्ठभूमि की जांच ज़रूरी है. 10 मई को अगली सुनवाई होगी. कोर्ट ने अश्लीलता रोकने के लिए महाराष्ट्र में बने नए कानून के आधार पर बने कुछ नियमों पर हैरानी जताई.
कोर्ट ने कहा कि स्कूलों से 1 किलोमीटर की दूरी की शर्त गलत है. क्या इतनी दूरी तक शराब की दुकानों को भी लाइसेंस नहीं दिए गए हैं? डांसिंग हॉल में शराब न परोसने का नियम अजीब है? लोग बार में शराब पीने जाते हैं. अदालत की तरफ से मना करने के बावजूद फिर सीसीटीवी रिकॉर्डिंग पर नियम बना दिया गया.
कोर्ट का कहना था कि नियम बनाना ज़रूरी है लेकिन उनका मकसद डांस बार को खुलने से रोकना नहीं होना चाहिए. महाराष्ट्र सरकार की वकील पिंकी आनन्द ने भरोसा दिलाया कि नियमों की समीक्षा की जाएगी और कुछ भी ऐसा नहीं होगा जो अदालत के आदेश के खिलाफ हो. (साभार : ए बी पी न्यूज़ )