‘इज्तेमा’ अरबी भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ है एकत्र होना-इकट्ठा होना या जमा होना। इज्तेमा वह विशाल धर्मसभा
है जिसमें मजहब की भलाई और उसके प्रचार-प्रसार की बातों हेतु संसार भर से शिया
मुस्लिम एकत्र होते हैं| सूत्रों के अनुसार बांग्लादेश में ढाका के टोंगी में तुराग नदी के पास विगत 10 जनवरी को आयोजित तीन दिवसीय 'इज्तेमा' के प्रथम चरण में 150 देशों के करीब 20 लाख शिया
मुसलमान विश्व-शांति के लिए दुआ करने पहुंचे| ढाका में हुए इस धर्मसभा में भीड़ का
आलम तस्वीरों द्वारा सहज ही प्रकट हो गया जिसमें अपनी जान हथेली पर रखकर ट्रेनों
की छतों पर सैर करते लोगों को देखा गया| यही कारण रहा कि लोगों की भारी भीड़ की सुरक्षा-व्यवस्था एवं आतंकवाद की आशंका
के मद्देनजर इस धर्मसभा आयोजन में 5,000 पुलिस अफसरों की तैनाती की गई| इसके अतिरिक्त 60 सीसीटीवी कैमरों और कई
अंडरकवर अफसरों की भी तैनाती की गई| दीगर है कि 4 चरण वाले इज्तेमा का दूसरा चरण 15 जनवरी से होगा। महत्वपूर्ण है कि हज के बाद यह दूसरा आयोजन है, जहां इतनी बड़ी संख्या
में मुसलमान इकट्ठा होते हैं। इससे पूर्व 2010 में इज्तेमा के दौरान ढाका में करीब
50 लाख मुसलमानों ने हिस्सा लिया था। ज्ञात हो कि भारत
में मध्य प्रदेश के भोपाल, पाकिस्तान में लाहौर के पास रायविंड और बांग्लादेश की राजधानी ढाका के पास
टोंगी में सबसे बड़े इज्तेमा का आयोजन होता है|