मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में 22 अप्रैल से शुरू हो
रहे सिहंस्थ महाकुंभ की तैयारियां करीब-करीब पूरी हो चुकी हैं। 21 मई तक चलने वाले इस
विश्वप्रसिद्ध मेले में देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है।
एमपी गवर्नमेंट ने सिहंस्थ के मद्देनजर खास इन्फ्रास्ट्रक्चर पर फोकस किया है। गौरतलब
है कि महाकुंभ के पहले महाकाल की नगरी उज्जैन शहर की कुछ फोटोज सोशल मीडिया में
सामने आई हैं, जिसमें पूरे शहर की सूरत बदली-बदली नजर आ रही है। सड़कों से लेकर क्षिप्रा नदी
के घाट तक चमचमाते हुए नजर आ रहे हैं। उज्जैन की इस बदली सूरत को सोशल मीडिया पर बेहद
सराहा भी जा रहा है।
आइये डालते हैं उज्जैन सिंहस्थ महाकुंभ 2016 की खासियत पर एक खास नजर...
- उज्जैन स्थित महाकालेश्वर
देश के बारह ज्योतिर्लिंगों में एक है और यहां 12 साल में कुंभ का मेला
आयोजित होता है।
- 2004 के मेले में करीब तीन
करोड़ श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे थे। यह आंकड़ा इस साल के सिंहस्थ में करीब 5 करोड़ तक पहुंचने की
उम्मीद है।
- मीडिया रिपोर्ट्स के
अनुसार, एमपी के मिनिस्टर भूपेन्द्र सिंह ने सिंहस्थ कुंभ पर करीब 3 हजार करोड़ रुपए फरवरी
तक खर्च होने की बात कही थी।
- उन्होंने बताया था कि सिंहस्थ कुंभ के अंत तक लगभग 5000 करोड़ रुपए खर्च होने
का अनुमान है।
- सिक्युरिटी के मद्देनजर 70 हजार से ज्यादा पुलिस बल सिंहस्थ कुंभ के दौरान तैनात किया जाएगा।
ये हैं सिंहस्थ महाकुम्भ के शाही एवं पर्व स्नान की तिथियां
22 अप्रेल 2016 (शुक्रवार)-शाही स्नान
3 मई 2016 (मंगलवार)-व्रतपर्व वरुथिनी, एकादशी व्रत
6 मई 2016 (शुक्रवार)-स्नान पर्व
9 मई 2016 (सोमवार)-शाही स्नान
11 मई 2016 (बुधवार)-शंकराचार्य जयंती
15 मई 2016 (रविवार)-वृषभ संक्रांति पर्व
17 मई 2016 (मंगलवार)-मोहिनी एकादशी पर्व
19 मई 2016 (गुरुवार)-प्रदोष पर्व
20 मई 2016 (शुक्रवार)-नृसिंह जयंती पर्व
21 मई 2016 (शनिवार)-शाही स्नान
यहां होते हैं महाकुंभ...
1. हरिद्वार में यह मेला तब आयोजित होता है, जब सूर्य मेष राशि में
और गुरु कुंभ राशि में होता है।
2.इलाहाबाद (प्रयाग) में यह मेला तब आयोजित होता है, जब सूर्य मकर राशि में
और गुरु वृष राशि में होता है।
3.नासिक में तब आयोजित होता है, जब गुरु सिंह राशि में प्रवेश करता है। इसके अलावा जब अमावस्या पर कर्क राशि
में सूर्य और चन्द्रमा प्रवेश करते हैं, उस समय नासिक में सिंहस्थ का आयोजन होता है।
4.उज्जैन में मेष राशि में सूर्य और सिंह राशि में गुरु के आने पर सिंहस्थ का
आयोजन किया जाता है। उज्जैन और नासिक के मेले के समय गुरु सिंह राशि में होता है, इसीलिए इस मेले को
सिंहस्थ कहा जाता है। (साभार:भास्कर.कॉम)