मध्य प्रदेश स्थित महाकाल की नगरी उज्जैन के इंदौर रोड
पर विगत मंगलवार को एक बारात निकली जिसे देखकर लोग आश्चर्य में पड़ गए। बाराती
अपनी धुन में नाच रहे थे। महिलाएं भी पीछे चल रही थीं। सब कुछ सामान्य था लेकिन अनोखा
था तो घोड़ी पर दूल्हे की जगह दुल्हन का सवार होना| यह बारात थी गुजराती पाटीदार समाज
की जिनकी पुरानी परंपरा के मुताबिक दुल्हन ने घोड़े पर बैठकर बारात निकाली और मंडप
में जाकर दूल्हे को विवाह के लिए आमंत्रित किया। गौरतलब है कि दुल्हन ‘नुपूर पाटिल’
एमएससी कंप्यूटर साइंस में पोस्ट ग्रेजुएट और प्राइवेट कॉलेज में लेक्चरर है जिसके
पिता सतीश पाटिल पीडब्ल्यूडी में इंजीनियर और माता वर्षा पाटिल गृहिणी है। पाटीदार
समाज के एक सदस्य के अनुसार गुजरात के अहमदाबाद के पार्थ पाटिल के साथ नुपूर का
विवाह निश्चित हुआ था जिसके लिए पाटीदार समाज की परंपरानुसार यह बारात निकाली गई|
उन्होंने बताया कि दरअसल यह अनोखी बारात पाटीदार समाज द्वारा तकरीबन 300 साल पूर्व
मुगलकाल के बाद महिलाओं और पुरुषों के बीच अंतर को खत्म करने के लिए गुजरात में
शुरू की गई थी।