सियासत में मुनाफ़ा बे-शुमार,
सियासी हैं गधे , घोड़े , गवार|
हकीकत आप भी तो आज़मालो,
चलेंगे खोटे सिक्के बार - बार |
मत कहो है ये मतदाता बेचारा,
हरामी,चोर को जिताते बार-बार |
बालात्कारी,कुकर्मी,घोर कातिल,
सही नेता की है पहचान यार |
गिरावट का विफल सिद्दांत हैं,
बनावट की ये संभावना अपार ।
वतन की आबरू खाते-लुटाते,
बनाते योजना पल-पल हज़ार ।
मसीहा को बताते भेडिया,बहशी
सजाते यूँ दुकाने और बज़ार।