आसमां खो दिया ज़मीं देखों,
तन्हा-तन्हा है आदमीं देखो ।
मंजिले हैं ना रास्ता हासिल,
मेरी कोशिश में है कमीं देखो ।
मुश्किलें घर बना के बैठ गईं,
दल - दली हो गई ज़मीं देखो ।
ख्वाब टूटे हैं आईना झूठा,
थर-थराती है रौशनी देखो ।
अब मेरी चाहतों में जिंदा है,
मर चुका है जो हमनशीं देखो ।
जम गयी पीर बुझ गए आंसू,
जल रही है मगर नमीं देखो।
बाल की खाल ढूंढने वाले,
है सियासत भी मजहबी देखो ।
धीरे - धीरे बिखर गए अरमाँ,
जिस्म है रूह मर गयी देखो ।
प्यार के पल चुरा के रख लेना,
याद आएगी फिर मेरी देखो ।
राग में द्वेष मिलाया जिसने ,
उसकी अपनी है सरज़मीं देखो ।
जख्म रिसते रहे गरीबी के ,
है प्रसाशन की बेरुखी देखो ।,
भूख और प्यास बेचने वालों,
मर गई आज ज़िन्दगी देखो ।