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ख़ुशी को बाँटता चल आदमी अच्छा लगेगा,
ग़मों की भीड़ में सच्चा कोई अपना लगेगा।
जिसे भी चाहोगे दिल से तुम्हें मिल जाएगा,
नज़रीया साफ़ रखना शर्तीयाँ मौक़ा मिलेगा।
मेरी उम्मीद तू फिर से आदमी बन जाएगा,
कोई तो हमसफ़र होगा ,कोई रस्ता बनेगा।
बयाँ करदो मेरी खामोशियों को लफ़्ज दे दो तुम,
मुझे मालूम है फिर कोई ना तुमसा मिलेगा।
जलाकर रख अँधेरी रात है मन चिराग आदमीं,
संभलना आजमाना हर कहीं धोखा मिलेगा ।
सिमट कर रह गईं परछाइयाँ , दोपहर में ,
गौर से देखो सभी का क़द बड़ा-छोटा मिलेगा ।
की फिर लौट आएगा बचपन हमारा -आपका ,
हंसो खुलकर हँसाओ आप दिल बच्चा लगेगा ।