जो दिल में उतर जाए वो यार मोहब्बत है,
जो हद से गुजर जाये वो प्यार मोहब्बत है।
क्या हाल मेरे दिल का एहसास तुम्हें भी है,
तेरे साथ में जीने का इजहार मोहब्बत है।
बस दिल से तुम्हें चाहा कुछ और नहीं जाना,
मंजूर तुम्हें जो भी अधिकार मोहब्बत है।
आगाज़ से डरते थे अंजाम खुदा जाने,
स्वीकार नहीं फिर भी इंकार मोहब्बत है।
कोई नाम तुम्हारा ले दिल मेरा धड़कता है,
साँसों में उतर आया आज़ार मोहब्बत है।
तुम्हें भूल के जी लूंगा ये हो ही नहीं सकता,
मौजों में समंदर की पतवार मोहब्ब्त है।
छू लेने दो जी लेंगे साय से लिपट कर हम,
'अनुराग' कहाँ जाऊं घर-बार मोहब्बत है |