मत कुरेदो ज़ख्म हैं,आंसू बहेगे,
हारकर जीतेंगे हम ,जिंदा रहेगे।
बख्श दूँ तुमको,खाताएँ आपकी,
उम्रभर हम खुद से शर्मिंदा रहेंगे।
याद आएगी तेरी हर बात पर,
राज-ए-दिल अब होके बेपर्दा रहेंगे।
दिल्लगी समझूँ तुम्हारा भोलापन,
रात -दिन अब आप ही चर्चा रहेंगे।
आपकी बातें,तुम्हारी कश-म-कश,
देखकर नाराज़ कुछ ज्यादा रहेंगे।
चाहते तो थे बुला पाए ना तुमको,
अबके मौसम में तुम्हें न्योता रहेंगे।
फूलों में खुशबू है,कहाँ मत ढूंढिए ,
ये गुलों के जिस्म का हिस्सा रहेंगे।