टूटते रिश्ते,सिमटता आसमां।
हो गया तन्हा,मुसाफिर कारवां।
थम गया है शोर सन्नाटा जवां,
धुंध उड़ती और गहराता धुआं ।
खूब रोया था तेरे जाने के बाद,
आँख रोई है सिसकती आत्मा।
आखिरी उम्मीद भी जाती रही,
रास ना आई मेरे मालिक दुआ।
सामने दरिया मगर प्यासा रहा,
बेबसी,थी किस कदर बे-इन्तहां।
फूल से खुशबू तराशो ले चलो,
दे गए आदेश पागल हुक्मरां।
दर्द दिल 'अनुराग'सब कुछ याद है,
यूँ ना मिट पाएगी अपनी दास्ताँ।