अधूरे ख्वाव ,टूटे आईने अब मत संभालो ,
उठो आह्वान दो आसमां को झुका लो|
बुझी यादों को शोलों के हवाले कर चलो ,
बदल दो वक़्त भी हालात को अपना बना लो|
जिन्हें तुम मानकर अपना चले हो हमसफर,
कसौटी पर कसो पहले उन्हें भी आजमालो|
ना लाना चाँद तारों को हमें शिकवा नहीं ,
बुझे ना आंधीयों में भी वही दीपक जलादो|
सिमट जाएगा मिटटी में,तू इतना शोर मत कर,
खिलौना आदमी है तुम खिलौना ही बना लो|
तू दिल का खुबसूरत है उतारो सब मुखौटे,
निकल कर सामने तो आ इरादों को हवा दो|