ये छुप नहीं सकते छुपाया ना करो,
तुम याद में आंसू बहाया ना करो।
वक़्त तो यूँ भी गुजर जायेगा दोस्त,
इस वक़्त से नज़रें चुराया ना करो।
माना जरुरी था उजाला ,रौशनी ,
इसकी खातिर घर जलाया ना करो।
बात क्या है क्यों तुम्हारी आँख नम,
हैं कीमती आंसू बहाया ना करो।
प्यार के दो बोल आसां हैं मगर,
व्यर्थ में मुश्किल बनाया ना करो।
इक दर्द की बस्ती हमारे दिल में है,
तुम मुझसे हमदरदी जताया ना करो।
मुस्कुराया तक न हो बरसों से जो,
उस आदमीं को अब हंसाया ना करो।