दिखता अकेला हूँ मगर कोटिक दुआएं साथ हैं,
जितनी सुहानी थी यहाँ वो सब हवाएं साथ हैं|
तुम अगर चाहो तो हमको आजमाकर देखलो,
सारा जहां वो आसमां दसियों दिशाएं साथ हैं|
जब तक तेरे हिस्से का र्मैं दर्द-ऐ-गम ना बाँट लूँ,
उस मोड़ तक मेरे साथिया कंधे-भुजाएं साथ हैं|
ज़िन्दगी की धूप-छांव में तेरा साया रहूँगा,
इस निगहबानी में तुम सबकी निगाहें साथ हैं|
जलते अंगारों पे चलता है यहाँ हर आदमीं,
मुझमें जलन को रोकने की योजनाए साथ हैं|
हम हैं वतन की एकता अपना-पराया कुछ नहीं,
मिलकर भगा देंगे बिमारी को दवाएं साथ हैं।
सिर्फ ज़ख्मों को कुरेदोगे तो बहुत पछताओगे,
सबका हाथ थाम के चलो संभावनाएं साथ हैं।