मैं साक्षी हूॅं कि भ्रष्टाचार किसी का भी सगा नहीं होता है और विश्व में मुझसे अधिक किसी के पास भ्रष्टाचार को प्रमाणित करने के लिए साक्ष्य भी नहीं हैं। चूंकि मैं जीवनभर भ्रष्टाचार के विरुद्ध निरंतर लड़ता रहा हूॅं। मैंने मिट्टी के तेल को प्राप्त करने के लिए संघर्ष किया, सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु म्यूनिसिपल कमेटी ज्यौड़ियां के चेयरमैन के रूप में नायब तहसीलदार को बांध देने का कीर्तिमान स्थापित किया, भारत सरकार के गृह विभाग सीमा सशस्त्र बल अर्थात एसएसबी विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने हेतु जीवन बर्बाद कर लिया। चूंकि मेरे प्रेरणा स्रोत राजा पोरस जी, महाराणा प्रताप सिंह जी, गुरु गोबिंद सिंह जी एवं उनके नेतृत्व में लड़ा गया चमकौर साहिब का ऐतिहासिक युद्ध एवं सरहिंद की दिवारों में चिनवाए गये बाल शूरवीर योद्धा हैं।
जिनके बलिदानों की प्रेरणा से मैं भलीभॉंति जानता हूॅं कि सत्य पथ पर चलने के लिए प्राणों की आहुतियॉं दी जाती हैं, विषपान करवाया जाता है और सूलियों पर चढ़ाया जाता है। इसलिए मैंने भी सत्य पथ पर अग्रसर होते हुए विभिन्न माननीय प्रधानमंत्रियों, माननीय मुख्य न्यायाधीशों और माननीय महामहिम राष्ट्रपतियों से न्याय प्राप्ति हेतु तीखे प्रश्नों के उत्तर पाने वाली याचिकाएं दायर की थीं। परन्तु उन्हें परम्परागत कुरीतियों के अंतर्गत भ्रष्टाचार के नीचे दबा दिया गया था। विडंबना देख लीजिए साक्ष्यों पर विश्वास करने वाली तत्कालीन माननीय जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय के तथाकथित विद्वान न्यायाधीशों ने मुझे "पागल" घोषित कर "पागल की पेंशन" भी दे दी, जिसका कड़वा सच यह है कि वर्तमान माननीय जम्मू और कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय से आज भी पागल का प्रमाणपत्र मॉंगते हुए माननीय न्यायाधीशों के समक्ष मैं नौकरी प्राप्ति हेतु सशक्त एवं निडर खड़ा हूॅं और माननीय न्यायालय से अड़सठ आदेश प्राप्त करने के उपरांत भी मुझे असंवैधानिक "पागल की पेंशन" निरंतर बलपूर्वक दी जा रही है।
परन्तु मैंने धैर्य नहीं खोया है। क्योंकि मैंने बाल्यावस्था में ही अपने सनातन धार्मिक ग्रंथों एवं महाग्रंथों का गहन अध्ययन किया था और उनमें से सीखा था कि कर्म सर्वोपरि हैं। उल्लेखनीय है कि गीता उपदेश में भी स्पष्ट कहा गया है कि निस्वार्थ कर्म करें और फल की इच्छा न करें। परन्तु यह भी प्रायः स्मरण रखें कि जैसा कर्म करेंगे वैसा फल अवश्य प्राप्त होगा।
जिसके लिए कई लोकोक्तियॉं आज भी विश्व प्रसिद्ध हैं जैसे कि शक्कर खाने वालों को ईश्वर शक्कर अवश्य देते हैं, अर्थात भ्रष्टाचार करने वालों को ईश्वर से भी भ्रष्टाचार ही प्राप्त होता है, अर्थात जो बोवोगे वही काटोगे। इसलिए अपने अधिकारों को प्राप्त करें परन्तु दूसरों के मौलिक अधिकारों को छीनें नहीं, अपने घरों को बसाएं परन्तु दूसरों के घरों को बर्बाद न करें, सदैव सतर्क रहें और समय रहते सुधर जाएं। अंततः भ्रष्टाचार को त्यागें और अपने चार दिन के अनमोल जीवन में सुकून के साथ साथ सद्गति निशुल्क प्राप्त करें। सम्माननीयों जय हिन्द
ध्यानार्थ :- माननीय महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी मेरी असंवैधानिक एवं कलंकित पागल की पेंशन बन्द करवा कर कृतार्थ करें। सम्माननीयों जय हिन्द
प्रार्थी
इंदु भूषण बाली
व्यक्तिगत रूप से याचिकाकर्ता (पीटीशनर इन पर्सन)।
वरिष्ठ लेखक व पत्रकार, राष्ट्रीय चिंतक, स्वयंसेवक, भ्रष्टाचार के विरुद्ध विश्व की लम्बी ग़ज़ल, राष्ट्रभक्ति एवं मौलिक कर्तव्यों के नारों में विश्व कीर्तिमान स्थापितकर्ता
एवं
भारत के राष्ट्रपति पद का पूर्व प्रत्याशी,
वार्ड अंक 01, डाकघर व तहसील ज्यौड़ियां, जिला जम्मू, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर, पिनकोड 181202।
Grievance Status for registration number : PRSEC/E/2023/0046223
Grievance Concerns To
Name Of Complainant
Indu Bhushan Bali
Date of Receipt
03/11/2023
Received By Ministry/Department
President's Secretariat
Grievance Description
भ्रष्टाचार त्यागें और सुकुन संग सद्गति प्राप्त करें
आलेख
करो भ्रष्टाचार और खाओ पैसा जिसका कड़वा सच यह है कि पैसा आज तक कोई मॉं का लाल खा नहीं सका उल्टा पैसे ने सबको खाया है भले वह कुबेर का धन ही क्यों न हो उल्लेखनीय है कि धन आज भी यहीं है परन्तु आप सब बताओ कि कुबेर कहॉं है कुबेर का भाई रावण कहॉं है मुगलों की क्रूरता कहॉं है और जिस ब्रिटिश सरकार का कभी सूर्य अस्त नहीं होता था वह भ्रष्टाचारी और क्रूर सरकार कहॉं है
मैं साक्षी हूॅं कि भ्रष्टाचार किसी का भी सगा नहीं होता है और विश्व में मुझसे अधिक किसी के पास भ्रष्टाचार को प्रमाणित करने के लिए साक्ष्य भी नहीं हैं चूंकि मैं जीवनभर भ्रष्टाचार के विरुद्ध निरंतर लड़ता रहा हूॅं मैंने मिट्टी के तेल को प्राप्त करने के लिए संघर्ष किया सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु म्यूनिसिपल कमेटी ज्यौड़ियां के चेयरमैन के रूप में नायब तहसीलदार को बांध देने का कीर्तिमान स्थापित किया भारत सरकार के गृह विभाग सीमा सशस्त्र बल अर्थात एसएसबी विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने हेतु जीवन बर्बाद कर लिया चूंकि मेरे प्रेरणा स्रोत राजा पोरस जी महाराणा प्रताप सिंह जी गुरु गोबिंद सिंह जी एवं उनके नेतृत्व में लड़ा गया चमकौर साहिब का ऐतिहासिक युद्ध एवं सरहिंद की दिवारों में चिनवाए गये बाल शूरवीर योद्धा हैं
जिनके बलिदानों की प्रेरणा से मैं भलीभॉंति जानता हूॅं कि सत्य पथ पर चलने के लिए प्राणों की आहुतियॉं दी जाती हैं विषपान करवाया जाता है और सूलियों पर चढ़ाया जाता है इसलिए मैंने भी सत्य पथ पर अग्रसर होते हुए विभिन्न माननीय प्रधानमंत्रियों माननीय मुख्य न्यायाधीशों और माननीय महामहिम राष्ट्रपतियों से न्याय प्राप्ति हेतु तीखे प्रश्नों के उत्तर पाने वाली याचिकाएं दायर की थीं परन्तु उन्हें परम्परागत कुरीतियों के अंतर्गत भ्रष्टाचार के नीचे दबा दिया गया था विडंबना देख लीजिए साक्ष्यों पर विश्वास करने वाली तत्कालीन माननीय जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय के तथाकथित विद्वान न्यायाधीशों ने मुझे पागल घोषित कर पागल की पेंशन भी दे दी जिसका कड़वा सच यह है कि वर्तमान माननीय जम्मू और कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय से आज भी पागल का प्रमाणपत्र मॉंगते हुए माननीय न्यायाधीशों के समक्ष मैं नौकरी प्राप्ति हेतु सशक्त एवं निडर खड़ा हूॅं और माननीय न्यायालय से अड़सठ आदेश प्राप्त करने के उपरांत भी मुझे असंवैधानिक पागल की पेंशन निरंतर बलपूर्वक दी जा रही है
परन्तु मैंने धैर्य नहीं खोया है क्योंकि मैंने बाल्यावस्था में ही अपने सनातन धार्मिक ग्रंथों एवं महाग्रंथों का गहन अध्ययन किया था और उनमें से सीखा था कि कर्म सर्वोपरि हैं उल्लेखनीय है कि गीता उपदेश में भी स्पष्ट कहा गया है कि निस्वार्थ कर्म करें और फल की इच्छा न करें परन्तु यह भी प्रायः स्मरण रखें कि जैसा कर्म करेंगे वैसा फल अवश्य प्राप्त होगा
जिसके लिए कई लोकोक्तियॉं आज भी विश्व प्रसिद्ध हैं जैसे कि शक्कर खाने वालों को ईश्वर शक्कर अवश्य देते हैं अर्थात भ्रष्टाचार करने वालों को ईश्वर से भी भ्रष्टाचार ही प्राप्त होता है अर्थात जो बोवोगे वही काटोगे इसलिए अपने अधिकारों को प्राप्त करें परन्तु दूसरों के मौलिक अधिकारों को छीनें नहीं अपने घरों को बसाएं परन्तु दूसरों के घरों को बर्बाद न करें सदैव सतर्क रहें और समय रहते सुधर जाएं अंततः भ्रष्टाचार को त्यागें और अपने चार दिन के अनमोल जीवन में सुकून के साथ साथ सद्गति निशुल्क प्राप्त करें सम्माननीयों जय हिन्द
ध्यानार्थ माननीय महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी कृपया मेरी असंवैधानिक एवं कलंकित पागल की पेंशन बन्द करवा कर कृतार्थ करें सम्माननीयों जय हिन्द
प्रार्थी
इंदु भूषण बाली
व्यक्तिगत रूप से याचिकाकर्ता पीटीशनर इन पर्सन
वरिष्ठ लेखक व पत्रकार राष्ट्रीय चिंतक स्वयंसेवक भ्रष्टाचार के विरुद्ध विश्व की लम्बी ग़ज़ल राष्ट्रभक्ति एवं मौलिक कर्तव्यों के नारों में विश्व कीर्तिमान स्थापितकर्ता
एवं
भारत के राष्ट्रपति पद का पूर्व प्रत्याशी
वार्ड अंक 01 डाकघर व तहसील ज्यौड़ियां जिला जम्मू केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर पिनकोड 181202
Current Status
Grievance received
Date of Action
03/11/2023
Officer Concerns To
Forwarded to
President's Secretariat
Officer Name
Organisation name
President's Secretariat
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