भूलो भूत को वर्तमान गले लगाओ।
फूलो फलो व अपने स्वप्न सजाओ।।
कैसे बताऊं कि आवश्यक था सब।
मृत्यु से पूर्व भविष्य सुखद बनाओ।।
खेलना कूदना अधिकार है तुम्हारा।
फुदक के जाओ, शीघ्र लौट आओ।।
मेरा सौभाग्य कि प्रमाणित किया है।
तुम्हारा था वो सबकुछ तुम्हीं पाओ।।
कर्मों की चमक समाप्त कहॉं होती।
श्रद्धा मनमंदिर में पवित्रता जगाओ।।
खाओ पीओ आनंद करो मिलकर।
गाओ हॅंसो और पूर्ण सृष्टि हॅंसाओ।।
प्रार्थी
इंदु भूषण बाली
व्यक्तिगत रूप से याचिकाकर्ता (पीटीशनर इन पर्सन)।
वरिष्ठ लेखक व पत्रकार, राष्ट्रीय चिंतक, स्वयंसेवक, भ्रष्टाचार के विरुद्ध विश्व की लम्बी ग़ज़ल, राष्ट्रभक्ति एवं मौलिक कर्तव्यों के नारों में विश्व कीर्तिमान स्थापितकर्ता
एवं
भारत के राष्ट्रपति पद का पूर्व प्रत्याशी,
वार्ड अंक 01, डाकघर व तहसील ज्यौड़ियां, जिला जम्मू, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर, पिनकोड 181202।