मोहयाल बिरादरी के विद्वान सदस्यों सहित समस्त सर्वसाधारण सदस्यों के चेहरे उस समय खिल उठे, जब उन्हें जम्मू और कश्मीर मोहयाल सभा के माननीय विद्वान सचिव सहित पूजनीय अध्यक्ष श्री प्रवीण बाली जी द्वारा समाचारपत्र के विज्ञापन के माध्यम से सूचित किया था कि बिरादरी के चुनाव संबंधी सूचनार्थ दिनांक 22-08-2023 को दिए गए विज्ञापन अंक 4/इलेकट/2023 को बिरादरी के सर्वोच्च हितों को सर्वोपरि मानते हुए दिनांक 20-10-2023 को निवर्तित कर दिया गया है अर्थात वापस ले लिया गया है। उन्होंने बिरादरी को सर्वश्रेष्ठ और सर्वोपरि मानते हुए यह भी सूचित किया है कि चुनाव संबंधी आगामी सूचना बिरादरी एवं कार्यकारी मंडल की सुख सुविधा अनुसार ही तय की जाएगी। उपरोक्त समृद्ध और सुंदर आशीर्वाद को जम्मू-कश्मीर के ही नहीं बल्कि विश्व स्तर पर विराजमान समस्त मोहयालों को स्वीकार करना चाहिए और उसका अभिनन्दन करते हुए प्रफुल्लित होना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि उक्त प्रफुल्ल एवं सुखद सूचना के लिए बिरादरी के माननीय सचिव एवं पूजनीय अध्यक्ष श्री प्रवीण बाली जी साधुवाद के विशेष पात्र हैं। वर्णनीय यह भी है कि उपरोक्त साधुवाद के वे सब भी पात्र हैं जिन्होंने बिरादरी की एकता और अखंडता बनाए रखने हेतु अपनी उत्कृष्ट सेवाओं की आहुतियॉं दीं और अपने मौलिक कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक निर्वहन किया। अवश्य ही उपरोक्त सुखद परिणाम के पीछे जनरल मोहयाल सभा दिल्ली के पूजनीय अध्यक्ष श्री विनोद दत्त जी एवं उनके अन्य पदाधिकारियों का भी सद्भावनापूर्ण आशीर्वाद होगा। जिसके लिए वे और उनके पदाधिकारी भी साधुवाद के पात्र हैं। संभवतः उपरोक्त सुखद सूचना एवं बिरादरी के उज्ज्वल भविष्य को ध्यान में रखते हुए रूष्ठ एवं विद्रोही सदस्य भी अपना क्रोध त्यागकर माननीय न्यायालय में दी गई चुनौतीपूर्ण याचिकाओं को प्रसन्नतापूर्वक वापस ले लेंगे और बिरादरी की सेवाओं में निस्वार्थ लीन हो जाएंगे। जिससे बिरादरी का अस्तित्व यथावत से कहीं ऊॅंचा होगा और पूर्वजों द्वारा स्थापित कीर्तिमानों का झंडा भी बुलंदियों को छूएगा।
परम उल्लेखनीय यह भी है कि बिरादरी के बुद्धिजीवियों को बिरादरी के प्रति सत्यनिष्ठ ध्यानाकर्षित करना चाहिए और बिखरते पारिवारिक रिश्तों को जोड़ने में अपनी निस्वार्थ भूमिका प्राथमिकता के आधार पर निभानी चाहिए। क्योंकि देखा गया है कि बहुत से शरारती रिश्तेदार अपने मौलिक कर्तव्यों की पूर्ति के स्थान पर दूसरों के विकास रूपी पेड़ की जड़ों को काटने का कलंकित कार्य कर रहे हैं। जिन्हें रोकना वर्तमान समय की सबसे बड़ी चुनौती है। ताकि बिरादरी के युवाओं का भविष्य बर्बाद होने से बच सके।
चूंकि दुर्भाग्यवश पहले तो अत्यधिक बच्चों को विवाह करने में अकल्पनीय कठिनाइयॉं आ रही हैं और विवाह उपरांत वर-वधु में उत्पन्न अविश्वसनीय मतभेदों के कारण उन्हें विवाह विच्छेद की समस्याएं घेर लेती हैं। जिसका मुख्य आधार बिरादरी के भीतरी अभाव के कारण बिरादरी से बाहर दूसरी जातियों में विवाह करना पड़ता है। जहॉं रीतिरिवाज़ों की भिन्नता और समझने व समझाने वालों की अत्यधिक कमीं होती है। जिसका भरपूर लाभ शरारती तत्व लेते हैं और अपनी निहित स्वार्थसिद्धि की पूर्ति हेतु पति-पत्नी ही नहीं बल्कि पिता-पुत्र को आमने सामने खड़ा कर तमाशा देखते हैं। चूंकि ब्रिटिश शासन द्वारा निर्धारित नीति "फूट डालो और राज करो" वर्तमान में भी घर-घर की कहानी बन चुकी है। जो अशोभनीय ही नहीं बल्कि कलंकित है।
अतः उपरोक्त घर-घर की अशोभनीय एवं कलंकित कहानियों पर अंकुश लगाने हेतु बिरादरी के संरक्षकों को स्वयं सेवक के रूप में स्वेच्छिक आगे आना चाहिए। क्योंकि सर्वविदित है कि कोई भी गृहस्थी इसका प्रमाणित दावा नहीं कर सकता कि उनके गृहस्थ जीवन में उनका कभी कोई आपसी मन मुटाव नहीं हुआ। इसलिए उक्त अल्प मन-मुटावों से उत्पन्न समस्याओं को ज्वलंत रूप धारण करने से पहले उनका निवारण करना अत्यंत आवश्यक और समय की मांग है अर्थात उनके मन में घर कर चुके अल्प मतभेदों को माननीय पारिवारिक न्यायालयों में जाने से पूर्व अपनी बिरादरी में ही सकारात्मकता का प्रदर्शन करते हुए दोनों पक्षों के मतभेदों को सर्वसम्मति से सुलझाना चाहिए। ताकि सनातन संस्कृति "वसुधैव कुटुंबकम" की परम्परा दिन दुगनी और रात चौगुनी वृद्धि करती रहे।
प्रार्थी
इंदु भूषण बाली
दोनों सभाओं का जीवन सदस्य,
व्यक्तिगत रूप से याचिकाकर्ता (पीटीशनर इन पर्सन)।
वरिष्ठ लेखक व पत्रकार, राष्ट्रीय चिंतक, स्वयंसेवक, भ्रष्टाचार के विरुद्ध विश्व की लम्बी ग़ज़ल, राष्ट्रभक्ति एवं मौलिक कर्तव्यों के नारों में विश्व कीर्तिमान स्थापितकर्ता
एवं
भारत के राष्ट्रपति पद का पूर्व प्रत्याशी,
वार्ड अंक 01, डाकघर व तहसील ज्यौड़ियां, जिला जम्मू, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर, पिनकोड 181202।