(आलेख)
जम्मू और कश्मीर कला संस्कृति एवं भाषा अकादमी जम्मू अपने डोगरा सचिव आदरणीय श्री भरथ सिंह मन्हास जी के कुशल नेतृत्व में दिन दौगुनी और रात चौगुनी वृद्धि कर रही है। जिसके अंतर्गत वह साहित्यिक शतक पर शतक बनाते हुए हजारों की संख्या में कार्यक्रम आयोजित कर चुकी है। अकादमी के सांस्कृतिक अधिकारी आदरणीय श्री शेख़ शाहनवाज़ जी द्वारा मंच से बताया गया था कि सम्भवतः अढ़ाई हज़ार से भी अधिक संख्या में कार्यक्रम आयोजित हो चुके हैं और सावन की झड़ी की भांति निरंतर कीर्तिमानों की बरसात होती जा रही है। जिसमें एकल दिवसीय से लेकर सप्त दिवसीय कार्यक्रमों का आयोजन "सप्ताहिक बहुभाषी कनिष्ठ कहानी महोत्सव" के रूप में किया जा रहा है। जिन्हें वर्तमान समय में जम्मू और कश्मीर संभाग में समानता के आधार पर चलाया जा रहा है। जिसका श्रेय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के माननीय उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा जी के कर कमलों से होते हुए भारत के माननीय सशक्त प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को अवश्य जाता है। जिसके लिए भारत के माननीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी ने संसद में विश्वास दिलाया था कि जम्मूकश्मीरवासियों के घावों पर शीघ्र ही मरहम लगाई जाएगी।
संभवतः उक्त मरहम जम्मू और कश्मीर के दोनों संभागीय क्षेत्रों में राष्ट्रीय कुशल रणनीति के अंतर्गत राष्ट्र की रीढ़ की हड्डी माने जाते वाले लेखकों के माध्यम से लगानी आरम्भ कर दी गई है। जो केंद्र सरकार का एक सराहनीय पदचिन्ह है। जिसका दायित्व जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासनिक अधिकारी आदरणीय श्री भरथ सिंह मन्हास जी को सचिव के रूप में परिपूर्ण कर रहा है। जिनमें मानवीय मानवता कूट कूटकर भरी हुई है। जो उनके निजी आचार व्यवहार से प्रमाणित भी हो रही है। जिन्हें खुले मंच पर सार्वजनिक कहते हुए सुना जा सकता है कि उनके कार्यकाल में समस्त रचनाकारों को सौहार्दपूर्ण वातावरण उपलब्ध कराया जाएगा। जो वास्तव में साप्ताहिक कहानी महोत्सव के रूप में सौहार्दपूर्ण परिवर्तन का प्रतीक बन गया है। यही विश्वास कुछ अवधि पूर्व माननीय गृहमंत्री श्री अमित शाह जी ने जम्मूकश्मीरवासियों के लिए संसद में दिया था और उसी शब्दावली का प्रयोग करते हुए आदरणीय सचिव श्री भरथ सिंह मन्हास जी अपने मौलिक कर्तव्यों का पालन करते हुए कार्यक्रमों में नित्य नए सौहार्दपूर्ण परिवर्तन कर रहे हैं। जो अत्यन्त गौरवान्वित एवं सराहनीय है।
सर्वविदित है कि इनसे पहले अकादमी के कुछ सिरफिरे अधिकारी और कर्मचारी आमंत्रित अतिथियों और लेखकों से विचित्र और असहनीय भद्दा व्यवहार करते थे। परन्तु जैसे ही उक्त विचित्रता और भद्दे व्यवहार की सूचना अकादमी के सचिव आदरणीय श्री भरथ सिंह मन्हास जी को मिली तो उन्होंने तुरन्त स्वतः संज्ञान लेते हुए वीरतापूर्वक उसका समाधान कर दिया। जिसका परिणाम यह देखने को मिल रहा है कि कर्मचारियों की कमीं के बावजूद मंच सचिव एक-एक लेखक की पूर्ण साहित्यिक जानकारियों सहित उसकी उपलब्धियों सहित उनका हार्दिक अभिनन्दन करते हुए उन्हें मंच पर आसीन कर रहे हैं। जिसके लिए डोगरी शीराज़ा की सम्पादक आदरणीय श्रीमती रीटा खड़याल को अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वरिष्ठ साहित्यकारों ने बधाई दी और उनका मनोबल भी बढ़ाया।
उल्लेखनीय है कि साहित्यिक कार्यक्रमों को युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। जिसमें इतनी प्रेम संप्रभुता पहले कभी नहीं दिखाई देती थी। हालांकि यह भी देखा गया है कि जो कर्मचारी या अधिकारी मानवीय संवेदनाओं को ठेस पहुंचाता है उसे त्वरित कार्रवाई करते हुए स्थानांतरित कर दिया जाता है। ताकि सद्भावनाओं का आदान प्रदान सद्भावनापूर्ण जीवित रहे। जिसके लिए भारत की माननीय महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी, माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी, माननीय गृहमंत्री श्री अमित शाह जी, केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के माननीय मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी जी, माननीय उप राज्यपाल श्री मनोज सिन्हा जी और अकादमी सचिव आदरणीय श्री भरथ सिंह मन्हास जी मात्र साधुवाद के ही नहीं बल्कि हार्दिक अभिनन्दन एवं शुभकामनाओं के पात्र भी हैं। जिनके सांझा राष्ट्रीय प्रयास से जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश को मानवता, भाई बंधुत्व और आर्थिक विकास की बुलंदियों पर पहुंचा दिया जाएगा। जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुनः धरती के स्वर्ग से जाना जाएगा। जय हिन्द। सम्माननीयों ॐ शांति ॐ
द्वारा
इंदु भूषण बाली
व्यक्तिगत रूप से याचिकाकर्ता (पिटीशनर इन पर्सन)
वरिष्ठ लेखक व पत्रकार, राष्ट्रीय चिंतक, स्वयंसेवक, भ्रष्टाचार के विरुद्ध विश्व की लम्बी ग़ज़ल, राष्ट्रभक्ति एवं मौलिक कर्तव्यों के नारों में विश्व कीर्तिमान स्थापितकर्ता
एवं
भारत के राष्ट्रपति पद का पूर्व प्रत्याशी,
वार्ड अंक 01, डाकघर व तहसील ज्यौड़ियां, जिला जम्मू, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर, पिनकोड 181202।