मेरा भाग्य सूर्य के प्रकाश की भॉंति प्रकाशमान है, जिसमें मेरा अनमोल जीवन सार्थक हो गया है। मैंने बाल्यावस्था में संजोए अपने सुनहरे स्वप्न साकार कर लिए हैं। मेरी इच्छाएं सम्पूर्ण हो गई हैं। मैंने अपने राष्ट्र के प्रति संवैधानिक प्रतिबद्धताओं सहित अपने दायित्वों को निष्ठापूर्वक पूर्ण किया है और सर्वप्रथम माननीय दिव्यांगजन न्यायालय दिल्ली से स्वास्थ्य संबंधी पूर्णतः "स्वस्थ" होने का प्रमाणपत्र प्राप्त किया था। इसके अतिरिक्त अपने मौलिक कर्तव्यों सहित अपनी रचनात्मक राष्ट्रभक्ति को माननीय जम्मू और कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय की खुली खंडपीठ के समक्ष दिनॉंक 31-03-2022 को प्रमाणों सहित सिद्ध कर चुका हूॅं। जिसमें मेरी मानसिकता को भी "विद्वान याचिकाकर्ता" की संज्ञा से सुशौभित कर मुझे न्यायिक दृष्टिकोण से गौरवान्वित भी किया जा चुका है।
जिसके पीछे मेरी धर्मपत्नी श्रीमती सुशीला बाली का भरपूर सराहनीय योगदान है। मेरे मित्र, भाई-बंधुओं, सगे-संबंधियों एवं पड़ोसियों का भी सशक्त अतुलनीय सहयोग है। इसके अतिरिक्त उपरोक्त अग्निपथ पर अग्रसर मेरी असहनीय कष्टदाई यात्रा में मेरे बच्चों का कठोर तप उल्लेखनीय ही नहीं बल्कि मील के स्वर्णिम पत्थर प्रमाणित हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि उपरोक्त स्वर्णिम पत्थरों की आधारभूत संरचनात्मक नींव पर मैं अपने अल्पकालीन पंचवर्षीय एकॉंतवास में असंख्य उपलब्धियों को प्राप्त करने में सक्षम ही नहीं बल्कि परिपक्व भी हुआ हूॅं और अपने राष्ट्र की राष्ट्रीयता के मीठे फलों के रसपान का स्वाद चखते हुए सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और सांसारिक सुखों से तृप्त होकर मोक्ष की ओर अग्रसर हो चुका हूॅं।
उपरोक्त मोक्षदायिनी तृप्ति में चार चॉंद लगाने, अपनी प्राणप्रिया अर्थात पतिव्रता धर्मपत्नी श्रीमती सुशीला बाली को मनाने, व्याप्त समस्त विरोधाभासों को समाप्त करने, अपने उत्तराधिकारियों अर्थात बच्चों को प्रसन्न करने, उन्हें ससम्मान धन धान्य करने एवं अपने एकॉंतवास को भंग करने के लिए हृदय तल से प्रयासरत हूॅं और उक्त प्रयासों से हमारा पारिवारिक भाग्य "सौभाग्य" में परिवर्तित होकर सुखमय होना निश्चित है, जिसमें ईश्वरीय शक्तियों का भी आशीर्वाद प्राप्त हो रहा है और यह भी सर्वविदित है कि पूजनीय मित्र ग्रह शनिदेव जी की अपार कृपा शनैः-शनैः ही होती है। सम्माननीयों जय हिन्द
प्रार्थी
इंदु भूषण बाली
व्यक्तिगत रूप से याचिकाकर्ता (पीटीशनर इन पर्सन)।
वरिष्ठ अंतरराष्ट्रीय लेखक व राष्ट्रीय पत्रकार, राष्ट्रीय चिंतक, आरएसएस का स्वयंसेवक, भ्रष्टाचार के विरुद्ध विश्व की लम्बी ग़ज़ल, राष्ट्रभक्ति एवं मौलिक कर्तव्यों के नारों में विश्व कीर्तिमान स्थापितकर्ता
एवं
भारत के राष्ट्रपति पद का पूर्व प्रत्याशी,
वार्ड अंक 01, डाकघर व तहसील ज्यौड़ियां, जनपद जम्मू, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर, पिनकोड 181202।