सौभाग्यवश स्वतंत्रता की श्रंखला में हम भारतवासी भारत की स्वतंत्रता का 77वां स्वतंत्रता दिवस अत्यंत हर्षोल्लास से 15 अगस्त 2023 को मनाने जा रहे हैं। जिसके लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपनी रक्तरंजित आहुतियां दी थीं और जन्म मरण से छुटकारा पाकर परमपिता परमेश्वर में समा गए थे। उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करना एक ओर हमारा मौलिक कर्तव्य है और दूसरी ओर उन्हें मात्र नमन करने से हमारे पाप भी धुल जाते हैं। जिसके आधार पर भारत सरकार ने आजादी का अमृत महोत्सव मना कर राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने ज्ञान, लोकतांत्रिक व्यवस्था और शक्ति का वैश्विक बिगुल बजाया है।
जिसमें जागरूक भारत के सशक्त प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने स्वतंत्रता के उपरांत 75 वर्षों की यात्रा में नवाचार (INNOVATION), भारतीयों के परिश्रम और उनकी उद्यमशीलता के प्रतिबिंबों सहित भारतीय संविधान पर गर्व करने का वैश्विक संदेश दिया है। उन्होंने आजादी के अमृत महोत्सव के माध्यम से भारतीयों को जागरुक एवं मार्गदर्शन करते हुए आजादी के अमृत महोत्सव का स्पष्ट अर्थ बताया है कि "स्वाधीनता सेनानियों से प्रेरणाओं का, नए विचारों और संकल्पों का, आत्मनिर्भरता का, राष्ट्र के जागरण का, सुराज्य के सपनों को साकार करने का, वैश्विक शांति और विकास का अमृत" है। जिसके अंतर्गत सौभाग्यवर्द्धक समृद्ध भारत आज ज्ञान और विज्ञान के क्षेत्र में मंगल और चंद्रमा तक अपनी छाप छोड़ रहा है। जिसके लिए स्वातंत्र्योत्तर माननीय प्रधानमंत्रियों को साधुवाद देते हुए समस्त भारतीयों को गौरवान्वित अनुभव हो रहा है।
गौरवान्वित अनुभव करने के लिए उपरोक्त उपलब्धियों के साथ-साथ संविधान सभा ने भारतीयों को जहां मौलिक अधिकार दिए हैं वहीं मौलिक कर्तव्यों के पालन का दायित्व भी सौंपा है। जिनके आशीर्वाद से भारत सरकार के नियमों के अंतर्गत संविधान के अनुच्छेद 49 के अनुसार प्रत्येक राज्य सरकार को हर स्मारक, स्थान तथा ऐतिहासिक वस्तु की रक्षा करनी चाहिए। जिन्हें भारत सरकार ने राष्ट्रीय महत्व दिया हुआ है। इसके साथ ही अनुच्छेद 51ए (एफ) में कहा गया है कि हमारी समग्र संस्कृति की समृद्ध विरासत को महत्व देना और संरक्षित करना भारत के प्रत्येक नागरिक का मौलिक कर्तव्य होगा।
ऐसे में अखनूर म्युनिसिपल कमेटी के क्षेत्राधिकार में जम्मू और कश्मीर कला संस्कृति एवं भाषा अकादमी जम्मू द्वारा निर्मित "निर्दोष चौक" का अनुच्छेद 51 (अ) के अंतर्गत सम्मान करना प्रत्येक भारतीय नागरिक का मौलिक कर्तव्य है। क्योंकि "निर्दोष चौक" में जम्मू और कश्मीर कला संस्कृति एवं भाषा अकादमी जम्मू ने सरकारी धन से डोगरी भाषा के विख्यात साहित्यकार स्वर्गीय पद्मदेव सिंह "निर्दोष" जी की प्रतिमा "निर्दोष चौक" में स्थापित कर रखी है। जिसपर विश्व के विभिन्न देशों में रह रहे डोगरे गर्व अनुभव करते हैं। क्योंकि पद्मदेव सिंह निर्दोष जी को डोगरी का "शिव बटालवी" भी कहा जाता है। जिनके मरणोपरांत उनके सम्मान में अकादमी द्वारा उक्त चौक का नाम "निर्दोष चौक" रखकर उन्हें सम्मानित किया गया है। जिसे लोकार्पित किया जा चुका है। जो साहित्य के क्षेत्र में साहित्यिक प्रतीक का एक मात्र उदाहरण प्रस्तुत करता है।
परन्तु कुछ असमाजिक शरारती तत्वों द्वारा उक्त चौक को आपराधिक भावनाओं से "निर्दोष चौक" को सोशल मीडिया या समाचारपत्रों में "फव्वारा चौक" लिखकर न केवल उक्त साहित्यिक धरोहर का अपमान करते हैं बल्कि न्यायिक दृष्टिकोण से अनुच्छेद 49 और 51(अ) का भी उल्लंघन करते हैं। जिसके संरक्षण हेतु सर्वप्रथम म्युनिसिपल कमेटी अखनूर का शासनिक और प्रशासनिक अधिकारियों, साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं एवं डोगरी के वर्तमान संयोजक (कन्वीनर) पद्मश्री मोहन सिंह सलाथिया जी, जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के माननीय उप राज्यपाल श्री मनोज सिन्हा जी एवं भारत सरकार को हस्तक्षेप कर स्वयं संज्ञान लेना चाहिए। इसके अलावा म्युनिसिपल कमेटी अखनूर के प्रशासनिक अधिकारी को "निर्दोष चौक" का नामपट्ट अर्थात "साइन बोर्ड" लगाकर सर्वसाधारण को निर्देशित करना चाहिए।
अंततः जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश एवं भारत सरकार को उपरोक्त आपराधिक तत्वों पर नुकेल कसने और उन्हें दंडित करने के लिए सर्वप्रथम उनके विरुद्ध प्राथमिकी (एफ आई आर) पंजीकृत करें अन्यथा हमें अन्य आहत नागरिकों सहित उपरोक्त नियमों के अंतर्गत न्याय हेतु माननीय न्यायालय की शरणागत होना पड़ेगा। ताकि स्वर्गीय श्री पद्मदेव सिंह निर्दोष एवं उनके नाम पर गौरवान्वित "निर्दोष चौक" के प्रति हम अपने मौलिक कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक निर्वहन कर सकें। जय हिन्द। सम्माननीयों ॐ शांति ॐ
प्रार्थी
इंदु भूषण बाली
व्यक्तिगत रूप से याचिकाकर्ता (पिटीशनर इन पर्सन)
वरिष्ठ लेखक व पत्रकार, राष्ट्रीय चिंतक, स्वयंसेवक, भ्रष्टाचार के विरुद्ध विश्व की लम्बी ग़ज़ल, राष्ट्रभक्ति एवं मौलिक कर्तव्यों के नारों में विश्व कीर्तिमान स्थापितकर्ता
एवं
भारत के राष्ट्रपति पद का पूर्व प्रत्याशी,
वार्ड अंक 01, डाकघर व तहसील ज्यौड़ियां, जिला जम्मू, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर, पिनकोड 181202।