इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड के विशेष निमंत्रण पर हरियाणा राज्य के फरीदाबाद शहर में आए हुए कई दिवस व्यतीत हो चुके हैं और वर्ल्ड रिकॉर्ड यूनिवर्सिटी से भी आज मेरी छुट्टी थी। इसलिए मन में तपोभूमि पराशर धाम यात्रा की इच्छा जागृत हुई, जहॉं पराशर ऋषि जी ने हजारों वर्ष तपस्या की थी जिसकी पूर्ति हेतु भगत जी के मार्गदर्शन में हम बड़खल क्षेत्र में परसोन तपोभूमि पराशर धाम पहुॅंच गए।
भगत जी के अनुसार पराशर ऋषि जी ने वहॉं संभवतः चालीस हजार वर्ष तपस्या की थी और महाभारत युद्ध को चालीस हजार वर्ष आगे धकेल दिया था। यात्राकाल में भगत जी ने इस सम्बन्ध में कई रोचक कथाओं का वर्णन करते हुए बताया कि पराशर ऋषि अत्याधिक हठी थे और अपने हठयोग में एक बार जो वह ठान लेते थे उसकी पूर्ति कर के ही छोड़ते थे।
उल्लेखनीय है कि भगत जी की ज्ञानवर्धक रोचक कथाएं पराशर धाम यात्रा में सोने पर सुहागे का कार्य कर रही थीं। मैं मंत्रमुग्ध होकर उनके पीछे-पीछे चलता जा रहा था और मन ही मन प्राप्त सुअवसर हेतु ईश्वर का आभार प्रकट करता जा रहा था। चूॅंकि मेरा गोत्र पराशर है और पराशर धाम यात्रा मेरे प्रारब्ध कर्मों का सुखद फल है।
यात्रा में महर्षि प्रकाण्ड विद्वान की तपोस्थली ब्रह्म-कुण्ड व प्राचीन परसोन मंदिर के विभिन्न आलौकिक दृश्यों सहित कल-कल करते झरने के पानी के दर्शन करने हुए अत्यधिक आनंद आ रहा था। चूॅंकि यह तपोभूमि अरावली पहाड़ियों पर स्थित है इसलिए पहाड़ियॉं चढ़ते-उतरते मैं और भगत जी थक भी गए थे। परन्तु परसोन झील अर्थात पराशर झील अर्थात वर्तमान बड़खल झील देखने के लिए हृदय तल से आतुर भी थे।
वर्णनीय है कि बीच-बीच में भगत जी आयुर्वेदिक औषधि हेतु कहीं-कहीं जंगली गोभी की तलाश कर रहे थे और रास्ते के विभिन्न पौधों के औषधीय गुणों का भी वर्णन कर अपनी व मेरी थकान दूर कर रहे थे। इसी प्रकार हम पराशर झील के दर्शन कर कृतार्थ हुए और वापस मुड़ गए। कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि हम विश्राम करते हुए उपरोक्त यात्रा को सकुशल सम्पन्न कर लौट आए थे। यात्रा से लौट कर मैं इस आधार पर अभिनंदन कर रहा हूॅं कि उक्त यात्रा से मेरा भाग्य "सौभाग्य" में परिवर्तित हो जाएगा और वर्षों से बन्द पड़े सौभाग्यशाली द्वार स्वतः खुल जाएंगे। सम्माननीयों जय हिन्द
प्रार्थी
इंदु भूषण बाली
व्यक्तिगत रूप से याचिकाकर्ता (पीटीशनर इन पर्सन)।
वरिष्ठ अंतरराष्ट्रीय लेखक व राष्ट्रीय पत्रकार, राष्ट्रीय चिंतक, आरएसएस का स्वयंसेवक, भ्रष्टाचार के विरुद्ध विश्व की लम्बी ग़ज़ल, राष्ट्रभक्ति एवं मौलिक कर्तव्यों के नारों में विश्व कीर्तिमान स्थापितकर्ता
एवं
भारत के राष्ट्रपति पद का पूर्व प्रत्याशी, घर अंक 01,
वार्ड अंक 03, डाकघर व तहसील ज्यौड़ियां, जनपद जम्मू, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर, पिनकोड 181202।