चलो वस्त्र पहनकर सम्पूर्णतः नंगे हो जाएं।
उठकर वासनाओं से आत्माओं में खो जाएं।।
पवित्रता के समंदर में कूदना आसान कहां।
ठंडी आग की भट्ठी के अंगारों पर सो जाएं।।
सबकुछ भूलकर बच्चों को कुछ राहत दे दो।
मिलजुल कर रहें और बीज प्रेम के बो जाएं।।
यहां का सब यहीं पर रह जाएगा निश्चित है।
पसीने की कमाई से क्षणिक पाप धो जाएं।।
मत भूलो एक सीमा तक ही सीमित है क्षमा।
उसके उपरांत बुलाएं तो आएं जाएं तो जाएं।।